DONALD TRUMP ATTACK: ईरान ने ट्रंप पर चलवाई थी गोली! 2020 में हुए एक हत्या का लिया बदला?

इसे जरूर पढ़ें।

DONALD TRUMP ATTACK: क्या ट्रंप को ईरान मरवाना चाहता है, ये सनसीखेज़ दावा खुद अमेरिका की खुफिया ऐजेसियां और अधिकारी कर रहे हैं। 13 जुलाई को ट्रंप पर जिस तरह से गोली चलाई गई, उससे साफ है कि ट्रंप को जान से मारने के लिए कोई बहुत बड़ी ताकत जुटी हुई है। दावा किया जा रहा है, कि ईरान अपने जनरल कासिम सुलेमानी (general Qasem Soleimani) की मौत का बदला ट्रंप से लेना चाहता है, क्योंकि ट्रंप ने ही साल 2020 में कासिम सुलेमानी को ड्रोन हमले में मरवा दिया था।
शनिवार 13 जुलाई 2024 को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर पेंसिल्वेनिया में गोली चलाई गई (DONALD TRUMP ATTACK)। गोली कान के बाहरी भाग को चीरते हुए निकल गई। अगर गोली आधा इंच भी अंदर की तरफ लगती, तो ट्रंप की कनपटी को चीखते हुए गोली सिर में घुस जाती। लेकिन ट्रंप की किस्मत ने उनका साथ दिया और वो बच गए। जबकि 20 साल का हमलावर थॉमस मैथ्यू क्रूक्स मौके पर ही मारा गया।

400 फ़ीट से ईरान ने चलवाई गोली?

अब अमेरिका के खुफिया अधिकारियों (US intelligence officers) ने दावा किया है, कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमले (DONALD TRUMP ATTACK) के पीछे ईरान हैं।जो ट्रंप की हत्या करना चाहता है। ये बेहद सनसनी खेज और हैरान करने वाले दावे ने पूरे अमेरिका में तहलका मचा दिया है।अगर वाकई में ईरान के इशारे पर डॉनाल्ड ट्रंप पर हमला हुआ है, तो ये अमेरिकी सीक्रेट सर्विस (American Secret Service) के मुंह पर जोरदार तमाचा है। क्या ईरान ने अपने जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला डॉनाल्ड ट्रंप से लेने की कोशिश की है। आखिर ये कैसे संभव है कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश के पूर्व राष्ट्रपति की हत्या करने के लिए ईरान ने इतनी बड़ी साजिश रच दी। पहले आपको ये बताते हैं कि ईरान ट्रंप की हत्या क्यों करना चाहता है

ट्रंप पर जनरल सुलेमानी को मरवाने का आरोप !

  • 3 जनवरी 2020 को ईरानी सेना के जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या हुई थी।
  • डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर की गई थी, उस वक्त डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे।
  • अमेरिका के रक्षा विभाग के दावों के मुताबिक एक खुफिया इनपुट के आधार पर सुलेमानी की हत्या की गई।
  • पहले घातक मिसाइलों से लैस अमेरिकी ड्रोन ने ईरान के जनरल क़ासिम सुलेमानी की कार को ट्रैक किया गया।
  • और जैसे ही क़ासिम सुलेमानी की कार का काफिला अमेरिका ड्रोन की जद में आया। तभी ड्रोन से एक के बाद एक कई मिसाइलें दागी जाने लगीं। उस वक्त क़ासिम सुलेमानी की कार ईराक की राजधानी बगदाद में इंटरनैशनल एयरपोर्ट जा रही थी। अमेरिका के ड्रोन हमले में ईरान के जनरल क़ासिम सुलेमानी की मौके पर ही मौत हो गई। जनरल क़ासिम सुलेमानी की शिनाख्त उनकी उंगली में पहनी हुई एक अंगूठी हो पाई थी, सुलेमानी का बाकी शरीर मिसाइल धमाकों में पूरी तरह से उड़ गया था।

ट्रंप के समर्थन में उतरे कई विरोधी

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रही निक्की हेली (Nikki Haley) ने कहा कि “एक बार फिर ट्रम्प और बाइडेन (trump and biden) की तुलना करें। ट्रम्प ने हमें ईरान परमाणु समझौते से बाहर निकाला। उन्होंने ईरान पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए और कट्टर आतंकवादी क़ासिम सुलेमानी को ख़त्म कर दिया। ईरान कोई भी युद्ध शुरू करने के लिए बहुत कमज़ोर था। वो जानता था कि ट्रम्प के होने का मतलब और वो डरता था।”

पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली के तेवरों से साफ है कि ट्रंप की नजर में ईरान अमेरिका के लिए शैतान है। और इस बार अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप ईरान पर सख्त कार्रवाई करने का दावा करते हुए वोट मांग रहे हैं। लेकिन अब सवाल उठता है कि ट्रंप पर जो हमला पेंसिल्वेनिया के बटलर में एक चुनावी रैली के दौरान हुआ क्या उसके पीछे ईरान है।

ईरान का ‘मिशन ट्रम्प’?

  • अमेरिका की मीडिया का बड़ा दावा
  • ‘ट्रम्प को मरवाना चाहता है ईरान’
  • जनरल सुलेमानी का बदला चाहता है ईरान
  • अमेरिका पर भड़का ईरान
  • ‘झूठे आरोप लगा रहा है अमेरिका’
  • 13 जुलाई को ट्रम्प पर चली थी गोली
  • मैथ्यू ने किया था ट्रम्प पर हमला
  • ट्रम्प की सुरक्षा को बढ़ाया गया

ईरान का ‘मोहरा’ थॉमस मैथ्यू?

अमेरिका के एक मीडिया ग्रुप का ट्रंप पर जानलेवा हमला (DONALD TRUMP ATTACK) और ईरान की साजिश पर क्या दावा है, जरा ये भी जान लीजिए।

अमेरिकी मीडिया के मुताबिक अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड की हत्या की कोशिश हुई है।अमेरिकी अधिकारियों को हाल के हफ्तों में ईरान की ओर से ट्रंप की हत्या की साजिश रचने से जुड़ी जानकारी मिली थी। इस कारण अमेरिकी सीक्रेस सर्विस ने ट्रंप के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इस बात का कोई संकेत नहीं मिला है कि शनिवार को ट्रंप पर हमला करने वाला हमलावर थॉमस मैथ्यू क्रुक्स (Thomas Matthew Crooks) इस साजिश से जुड़ा था। यानि ईरान ट्रंप पर हमला करवाने में कितने सफल रहा है, इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है।
अब ऐसे हालात में सवाल उठता है, कि आखिर अमेरिका की खुफिया ऐजेसिंया ऐसे दावे क्यों कर रही हैं। जब अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव (US presidential election) में महज 4 महीने का वक्त बचा है, कहीं ऐसा तो नहीं ये ट्रंप का कोई चुनावी स्टंट हो।

ट्रंप पर हमला, साज़िश किसकी?

एफबीआई (FBI) और कई खुफिया ऐजेंसियों का दावा है कि थॉमस मैथ्यू ने ट्रंप पर गोली चलाने के लिए काफी प्रैक्टिस की थी। अब सवाल उठता है कि क्या 20 साल का अमेरिका नागरिक थॉमस मैथ्यू ईरान का मोहरा था। क्या थॉमस मैथ्यू अनजाने में ही ईरान की खुफिया एजेंसियों के चाल में फंस गया और ट्रंप पर गोली चलाने के लिए तैयार हो गया। ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि अभी तक थॉमस मैथ्यू ने ट्रंप पर गोली क्यों चलाई, इसकी वजह छिपाई जा रही है।

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को महज 4 महीने बचे हैं। बाइडन और ट्रंप एक दूसरे के खिलाफ आग उगल रहे हैं। ट्रंप हर हाल में बाइडन को चुनाव हराना चाहते थे। कुछ रिपोर्टे के मुताबिक बाइडन सर्वेक्षण में पिछड़ चुके हैं और ट्रंप अब ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं, जो उन्हें जीत से दूर कर सके।

ट्रंप पर हमला, उठे सवाल?

ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले (DONALD TRUMP ATTACK) पर सवाल उठ रहे हैं कि ट्रंप की सुरक्षा में लगे पुलिस अधिकारियों ने हमलावर को इतने क़रीब कैसे आने दिया।
पेंसिल्वेनिया के बटलर काउंटी के मैदान में ट्रंप की आउटडोर रैली चल रही थी। उस वक़्त संदिग्ध हमलावर थॉमस मैथ्यू क्रूक्स आयोजन स्थल के पास की एक इमारत तक पहुंचने में सफल रहा। आखिर कैसे थॉमस ने 130 मीटर की दूरी से ट्रंप को निशाने पर लेते हुए गोली चला दी

जिस इमारत से थॉमस मैथ्यू क्रूक्स ने निशाना साधा था, उस इमारत के अंदर और बाहर स्थानीय पुलिस तैनात थी। फिर भी थॉमस मैथ्यू क्रूक्स गोली चलाने में सफल रहा। इमारत के अंदर जो स्थानीय पुलिस तैनात थी, उसमें तीन स्नाइपर्स शामिल थे, उन पर आरोप है कि उन्होंने थॉमस क्रुक्स को छत पर जाने की कोशिश करते देखा था लेकिन फिर रोक क्यों नहीं पाए। कई पर्यवेक्षकों का ये भी सवाल है कि आख़िर सुरक्षा योजनाएं कैसे नाकाम हो गईं और हमलावर बिना किसी रोक-टोक के ट्रंप तक कैसे पहुंच गया।

थॉमस मैथ्यू क्रूक्स ने 400 फीट की दूरी से असॉल्ट राइफल से गोली चलाई, जो उनके कान को छूते हुए गुजर गई। अब सवाल है हमलावर ट्रंप से सिर्फ 400 फीट दूर था, फिर भी सीक्रेट सर्विस उसे पकड़ने में नाकाम रही।

ट्रम्प पर ‘सुलेमानी हमला’?

ट्रंप पर हुआ जानलेवा हमला कई गुत्थियों में उलझा जा रहा है। ईरान का नया ऐंगल अब सामने आया है, लेकिन सबूत अमेरिका की खुफिया ऐजिसंयां नही दिखा पाई हैं।इधर ईऱान ने ट्रंप पर हमले के पीछे ईरान की साजिश पर तीखा विरोध किया है और इसे अमेरिका का प्रोपेगेंडा और ईरान को बदनाम करने की साजिश बताया है।

संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन ने अमेरिका की इस रिपोर्ट को अप्रमाणित और दुर्भावनापूर्ण बताया और इसे खारिज कर दिया है। ईरान ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है और उन्हें अफवाह और गुमराह करने वाला बताया है। अमेरिका में ईरान के स्थायी मिशन के प्रवक्ता ने दो टूक कहा है कि ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के नजरिए से डोनाल्ड ट्रंप एक अपराधी हैं। जिन पर जनरल सुलेमानी की हत्या का आदेश देने के लिए अदालत में मुकदमा चलाया जाना चाहिए और दंडित किया जाना चाहिए। ईरान ने उन्हें न्याय दिलाने के लिए कानूनी रास्ता चुना है

कुल मिलाकर डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला और ईरान पर उठाए गए साजिश के आरोपों ने मिडल ईस्ट में एक बार फिर से तनाव को बढ़ा दिया है। फिलहाल ट्रंप पर हमला पूरी तरह से अमेरिका की खुफिया और सुरक्षा ऐजेंसियों की जबरदस्त नाकामी और उनकी हार है।

इसे भी पढ़ें: JAMMU TERROR ATTACK: शांत जम्मू आया आतंकियों के निशाने पर, कश्मीर के बाद जम्मू में ऑपरेशन ऑल आउट

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article