UP YOGI TEAM: यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान जो झटके बीजेपी को लगे, उनसे पार्टी अब तक उबर नहीं पाई है। इसलिए पार्टी अब नए सिरे से उपचुनावों की तैयारियों में जुट गई है। लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उपचुनावों को लेकर जो टीम तैयार की गई, उसमें दोनों डिप्टी सीएम आखिर क्यों नहीं पहुंचे।
स्पेशल 30 तैयार, असंतोष का कौन ‘सूत्रधार’?
यूपी में बीजेपी एक ऐसे दौर से गुज़र रही है। जहां छोटी छोटी बातों के बड़े मतलब निकाले जा रहे हैं। हालांकि जब लखनऊ में उपचुनावों के लिए स्पेशल 30 की लिस्ट (UP YOGI TEAM) तैयार हो रही थी, तब दोनों डिप्टी सीएम का न शामिल होना बड़ी बात थी। इसलिए ये बड़ी बात निकलकर बहुत दूर तक चली गई। लेकिन पार्टी के बड़े नेता इस बड़ी बात पर खुद को किनारे कर गए।
CM योगी ने 10 विधान सभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 30 मंत्रियों की लिस्ट (UP YOGI TEAM) तैयारी की, जिन्हें तैयारी की जिम्मेदारी दी गई है। इस सुपर पावर वाले लिस्ट में दोनों डिप्टी सीएम बाहर कर दिए गए हैं। इस लिस्ट में केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक (KESHAV MAURYA AND BRAJESH PATHAK) को शामिल नहीं किया गया है। सीएम योगी ( UP CM YOGI ADITYANATH) की बुलाई बैठक में भी दोनों डिप्टी सीएम शामिल नहीं हुए। ब्रजेश पाठक लखनऊ में रहते हुए भी बैठक में नहीं गए। वहीं केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में थे, इस वजह से बैठक में नहीं जा पाए। हालांकि इससे पहले भी बुलाई गई बैठकों में केशव प्रसाद मौर्य शामिल नहीं हुए थे।
संगठन बनाम सरकार, क्यों ठनी रार?
लोकसभा चुनावों बीजेपी के प्रदर्शन ने कलह का आधार तैयार किया। बात सरकार बनाम संगठन की उठने लगी। जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के ऑफ़िस के एक ट्वीट ने पारा आर बढ़ा दिया है। जिसमें लिखा गया कि “संगठन सरकार से बड़ा है, कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है संगठन से बड़ा कोई नहीं, कार्यकर्ता ही गौरव है”।
विपक्ष पर भारी पड़ेगी योगी की नई राजनीति?
सियासत में हर इशारे का मतलब होता है। केशव प्रसाद मौर्य के ऑफ़िस ये आए इस ट्वीट की भी यही कहानी है। और शायद यही वजह थी कि कांग्रेस ने इस मौके को लपकने में देर नहीं लगाई। कांग्रेस के सीनियर लीडर और राज्य सभा सांसद प्रमोद तिवारी ( PRAMOD TIWARI, CONGRESS) ने कहा कि “44 साल से राजनीति कर रहा हूं और 1980 से राजनितिक उतार चढाव देख रहा हूँ। मैंने भाजपा जैसी सिद्धांतवादी अनुसाशित पार्टी में वो नहीं देखा जो पिछले 2-3 महीने से देख रहा हूं और वो लोग एक दूसरे के खिुलाफ उगल रहे हैं। पूर्व सीएम कल्याण सिंह ( EX CM KALYAN SINGH) जी जब बहुत शक्तिशाली हो गए थे उन्हें भाजपा ने हटाया था। हमें थोड़ा सा इंतज़ार करना पड़ेगा कि कल्याण सिंह भारी पड़ेंगे या कौन दूसरा कल्याण सिंह बनेगे ये वक्त बताएगा।”
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आने वाले हैं उपचुनाव, BJP में कैसा तनाव?
बीजेपी के लिए ये घड़ी मंथन और चिंतन की है। लेकिन जो तस्वीर दिखती है, वो तनाव की ओर इशारा करती है। यही वजह है कि यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव (EX CM AKHILESH YADAV) ने भी तंज़ कस दिया। अखिलेश यादव ने कहा कि ” भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है।जनता के बारे में सोचने वाला भाजपा में कोई नहीं है।”
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उपचुनाव के लिए योगी का प्लैन, कम होगा घमासान
हालांकि भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष और सरकार में मंत्री संजय निषाद ( MINISTER SANJAY NISAD) ने अखिलेश के बयान पर बीजेपी के लिए कवर फ़ायर देने का काम किया। और अखिलेश पर ज़ोरदार पलटवार किया। उन्होंने कहा कि “ये लोग गलत कयास लगाते हैं कार्यकर्ता हमेशा बड़ा होता है,सरकार से जैसे जो किया रहता है उसकी भावना वैसे होती है”।
फिलहाल सीएम योगी ऐक्शन मोड में हैं, और उपचुनावों में बेहतर प्रदर्शन के ज़रिए पार्टी को उस ट्रॉमा से बाहर लाना चाहते हैं, जो लोकसभा चुनावों के नतीजों के ज़रिए वाया यूपी होकर आया है।