EBRAHIM RAISI: इब्राहिम रईसी की पूरी कहानी, एक फैसले से 5000 को दी थी फांसी, बनने वाले था तीसरा ‘सुप्रीम लीडर’

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EBRAHIM RAISI: इब्राहिम रईसी के पूरे जीवन के बारे में अब बहुत सारी बातें कही जा रही हैं। 1988 में दुनिया का सबसे बड़ा फांसी कांड ईरान में हुआ था जिसमें एक साथ 5 हजार लोगों को फांसी पर लटका दिया गया था। इस फांसी कांड में फैसला देने वाले लोगों में एक नाम… इब्राहिम रईसी का भी था ।

इब्राहिम रईसी (EBRAHIM RAISI) की मौत की खबर ईरान के लिए एक बहुत बड़ा झटका है। इब्राहिम रईसी का नाम उन लोगों में लिया जाता था जिन्हें ईरान के सर्वोच्च नेता के पद का सबसे बड़ा दावेदार कहा गया। इब्राहिम रईसी की कई नीतियां अमेरिका (AMERICAN RULES)के लिए सिरदर्द था। इब्राहिम रईसी से अमेरिका की दुश्मनी इतनी बड़ी थी कि इब्राहिम रईसी की मौत की खबर आने के बाद अमेरिका में ट्रंप की पार्टी के एक नेता ने खुशी जताई थी ।

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आखिर मिडिल लिस्ट की राजनीति (MIDDLE EAST POLITICS) के लिए इब्राहिम रईसी का रोल इतना अहम क्यों माना गया था, कि उनके हेलिकॉप्टर हादसे (IRAN HELICOPTER CRASH) की खबर आते ही रूस ने अपना बचाव दल रवाना कर दिया। इसके साथ ही तुर्की भी अपने ड्रोन की सेना (TURKIS DRONE) लेकर पूर्वी अजरबैजान के जोल्फा (East Azerbaijan’s Jolfa) नाम की जगह पर खोजबीन में जुट गया। इब्राहिम रईसी के राजनीतिक करियर और बेहद फौलादी इरादों की वजह दुनिया में उन्हें एक कट्टरपंथी मौलवी के रूप में जाना जाता है।

इब्राहिम रईसी (IRANIN PRESIDENT EBRAHIM RAISI) ने साल 2021 में ईरान के राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इब्राहिम रईसी की आक्रामक नीतियों के चलते ही इजराइल और ईरान युद्ध (israel and iran war) के कगार पर खड़े हो गए थे। इब्राहिम रईसी ने ना सिर्फ इसराइल और अमेरिका का जबरदस्त विरोध किया, बल्कि ईरान के अंदर उठे हिजाब आंदोलन (hijab movement in Iran) को कुचलने में भी इब्राहिम रईसी का बड़ा रोल माना जाता है।

इब्राहिम रईसी

  • 28 साल की उम्र में न्यायपालिका का हिस्सा
  • इस्लामी क्रांति का विरोध करने वालों को सज़ा
  • 5000 विरोधी नेताओं को फांसी की सज़ा

इब्राहिम रईसी (EBRAHIM RAISI)का जन्म 1960 में ईरान के पूर्वी शहर मशहद (Mashhad) में एक धार्मिक परिवार में हुआ था। इब्राहिम रईसी का जन्म एक ऐसे ईरान में हुआ था जब ईरान में राजशाही थी। यानी ईरान में एक ऐसे बादशाह का राज था जिसको दुनिया अमेरिका की कठपुतली कहती थी। 1979 में जब ईरान में इस्लामी क्रांति हुई और ईरान के पहले सर्वोच्च नेता ग्रैंड अयातुल्लाह खामेनई (Grand Ayatollah Khamenei) का जादू ईरान की जनता पर सिर चढ़कर बोलने लगा, तब ईरान के ग्रैंड अयातुल्लाह के सबसे बड़े शिष्यों में इब्राहिम रईसी का नाम आता है। इब्राहिम रईसी ने ईरान के ग्रैंड अयातुल्लाह के कंधे से कंधा मिलाकर ईरान की बादशाही को उखाड़ फेंका था।

इब्राहिम रईसी की सबसे खास बात यह थी कि वो इस्लामी कानून के और शरीयत के बहुत अच्छे जानकार थे। ईरान का धार्मिक महत्व का सबसे बड़ा शहर कोम (Qom) है जहां पर पूरी दुनिया से इस्लामिक स्टडी के लिए लोग आते हैं। इब्राहिम रईसी ने भी कोम से शिक्षा पाई थी। ईरान के प्रसिद्ध मौलवियों से इब्राहिम रईसी ने शरीयत का ज्ञान लिया था।

साल 2017 में जब इब्राहिम रईसी (EBRAHIM RAISI) ने पहली बार ईरान के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा था तो वो चुनाव हार गए थे। लेकिन साल 2021 में वो 62% वोट से ईरान के राष्ट्रपति का चुनाव जीत गए थे। अमेरिका की सरकार ने लगातार इब्राहिम रईसी की सरकार को परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए धमकाया था। लेकिन इब्राहिम रईसी ने परमाणु कार्यक्रम लगातार जारी रखा । इस वजह से इब्राहिम रईसी अमेरिका के लिए एक बड़ा सिर दर्द बने हुए थे।

इब्राहिम रईसी

  • ईरान के सर्वोच्च नेता के पद के दावेदार थे
  • मिडिल लिस्ट की राजनीति में रईसी का रोल अहम था।
  • 2021 में ईरान के राष्ट्रपति चुने गए थे
  • 2021 में 62% वोट से राष्ट्रपति का चुनाव जीता
  • 1960 में ईरान के पूर्वी शहर मशहद में जन्म
  • इस्लामी कानून के बड़े जानकार
  • धार्मिक महत्व के शहर कोम में शिक्षा
  • ईरान के प्रसिद्ध मौलवियों का मार्गदर्शन मिला

इब्राहिम रईसी ने हाल के कई दशकों में ईरान का सबसे बड़ा विद्रोह भी कुचल कर रख दिया था। महसा अमीनी की मौत (mahsa amini death) के बाद ईरान के अंदर एक हिजाब आंदोलन हुआ। इसमें सैकड़ों की संख्या में लोग मारे गए थे और बड़ी संख्या में ईरान के सुरक्षाकर्मी भी अपनी जान गंवा बैठे थे। लेकिन आखिरकार इब्राहिम रईसी ने ना सिर्फ इस आंदोलन को कुचल दिया बल्कि इस आंदोलन को खड़ा करने वाले लोगों और आंदोलनकारियों को भी फांसी की सजा दी गई । इब्राहिम रईसी (IBRAHIM RAISI) के इन तमाम फैसलों को लेकर दुनिया भर में उनकी निंदा भी हुई।

हैरानी की बात ये है कि एक प्रमुख रिपब्लिकन सांसद रिक स्कॉट (Republican Congressman Rick Scott) ने ईरानी राष्ट्रपति की दुर्घटना का स्वागत कर दिया। स्कॉट ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में रायसी के बारे में कहा, “उन्हें प्यार या सम्मान नहीं मिला और कोई भी उन्हें याद नहीं करेगा। अगर वो चला गया, तो मुझे सचमुच उम्मीद है कि ईरानी लोगों को अपने देश को हत्यारे तानाशाहों से वापस लेने का मौका मिलेगा।

अमेरिका और इजराइल के अंदर भी ईरान का विरोध करने वाले बहुत सारे लोग इसलिए राहत महसूस कर रहे हैं क्योंकि इब्राहिम रईसी (EBRAHIM RAISI) ईरान के तीसरे बड़े सर्वोच्च नेता बन सकते थे। 3 दिसंबर 1979 से 3 June 1989 तक सैयद रोहिल्ला खामेनई ईरान के सर्वोच्च नेता रहे। इनको ग्रैंड अयातोल्लाह भी कहा जाता है। जबकि 4 जून 1989 से सैयद अली खामेनई (supreme leader of iran Syed Ali Khamenei) ईरान के सर्वोच्च नेता हैं। ये माना जा रहा था कि अली खामेनई के बाद इब्राहिम रईसी ही ईरान के तीसरे सर्वोच्च नेता बनने जा रहे थे।

ईरान के सर्वोच्च नेता

  • सैयद रोहिल्ला खामेनई: 3 दिसंबर 1979 से 3 जून 1989
  • सैयद अली खामेनई: 4 जून 1989 से अब तक

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