RAEBARELI SEAT: गांधी परिवार का गढ़ रायबरेली सीट, BJP दो बार लगा चुकी है सेंध, इंदिरा गांधी ने छोड़ा था रायबरेली

इसे जरूर पढ़ें।

RAEBARELI SEAT: राहुल गांधी अमेठी सीट छोड़कर रायबरेली से चुनावी मैदान में हैं। राहुल के अमेठी छोड़कर जाने को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बनाया है। बीजेपी का कहना है कि राहुल हार के डर से अमेठी से भाग खड़े हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डरो मत…भागो मत..लड़ो

राहुल गांधी ने रायबरेली क्यों चुना?

नामांकन के एक दिन पहले तक रायबरेली (RAEBARELI SEAT) के कांग्रेस कार्यालय में प्रियंका गांधी (PRIYANKA GANDHI) के पोस्टर लगे थे। अमेठी के कार्यालय में राहुल गांधी की तस्वीर सजाई गई थी। लेकिन एक दिन बाद ही प्रियंका गांधी चुनाव से आउट हो गईं और राहुल ने रायबरेली में एंट्री कर ली।

रायबरेली से राहुल को टिकट क्यों?

  • कांग्रेस की सबसे सुरक्षित सीट
  • सोनिया गाँधी की वजह से राहुल के लिए इमोशनल फ़ैक्टर
  • 1980 के बाद से गाँधी परिवार कोई चुनाव नहीं हारा
  • कांग्रेस की जीत का स्ट्राइक रेट 80% से ज़्यादा
  • 15 बार कांग्रेस, 2 बार बीजेपी, 1 बार BLD जीती
  • अमेठी से 2019 का लोकसभा चुनाव हार चुके हैं

अमेठी में स्मृति इरानी (SMRITI IRANI IN AMETHI) के ख़िलाफ़ कांग्रेस के केएल शर्मा उम्मीदवार हैं। वह सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधि रहे हैं और अबकी बार राहुल ने अमेठी छोड़ा तो उसे केएल शर्मा (KISHORI LAL SHARMA) जी को पकड़ा दिया गया। 2019 में अमेठी से हारे राहुल गांधी के लिए 2024 में रायबरेली (RAEBARELI SEAT) कितनी सुरक्षित सीट है इसका हिसाब किताब ज़रूर देखना होगा। क्योंकि कांग्रेस के लिए जैसी अमेठी वैसी रायबरेली है। दोनों सीट गांधी परिवार की प्रतिष्ठा की और परंपरागत सीट है। दिनेश प्रताप सिंह (DENISH PRATAP SINGH) 2019 में बीजेपी के टिकट पर सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ लड़े थे और अब 2024 में राहुल गांधी के ख़िलाफ़ खड़े हैं।

रायबरेली की सियासी बिरासत

  • फिरोज गांधी (1952-1957)
  • इंदिरा गांधी (1967-1977),(1980-1980)
  • सोनिया गांधी (2004-2019)
  • राहुल गांधी (2024- उम्मीदवार)

माना जा रहा है कि हार का डर राहुल गांधी (RAHUL GANDHI) को 2019 में अमेठी से वायनाड (WAYNAD) ले गया और 2024 में भी हार के डर ने राहुल को रायबरेली पहुंचा दिया। रायबरेली (RAEBARELI SEAT) अब तक कांग्रेस का क़िला रहा है। 2019 लोक सभा चुनाव में सोनिया गांधी (SONIA GANDHI) पांच लाख 34 हज़ार 918 वोटों से जीतीं। बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह 3 लाख 67 हज़ार 740 वोट मिले। 2014 लोक सभा चुनाव में भी सोनिया गांधी 5 लाख 26 हज़ार 434 वोटों से विजयी रहीं। बीजेपी के उम्मीदवार अजय अग्रवाल (AJAI AGRAWAL) को एक लाख 73 हज़ार 721 वोट मिले। 1952 में इंदिरा गांधी के पति फ़िरोज़ गांधी (FIROZ GANDHI KHAN) रायबरेली चुनाव लड़े थे।

  • रायबरेली अब तक कांग्रेस का क़िला रहा है।
  • 2019 में सोनिया गांधी पांच लाख 34 हज़ार 918 वोटों से जीतीं।
  • बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह 3 लाख 67 हज़ार 740 वोट मिले।
  • 2014 में भी सोनिया गांधी 5 लाख 26 हज़ार 434 वोटों से विजयी रहीं
  • बीजेपी के अजय अग्रवाल को एक लाख 73 हज़ार 721 वोट मिले।
  • 1952 में फ़िरोज़ गांधी रायबरेली से लड़े थे।

राहुल का राजनीतिक सफ़र

  • 2004: सोनिया ने राहुल के लिए अमेठी सीट छोड़ी
  • 2004:पहली बार राहुल अमेठी से सांसद चुने गए
  • 2009: राहुल दूसरी बार अमेठी से सांसद चुने गए
  • 2014:अमेठी से स्मृति इरानी को हराकर संसद पहुंचे
  • 2019:अमेठी में स्मृति इरानी से हारे राहुल
  • 2019: वायनाड सीट से जीतकर संसद पहुंचे राहुल
  • 2024:वायनाड के बाद रायबरेली से भी चुनाव लड़ेंगे राहुल

2014 और 2019 दोनों चुनावों का आंकड़ा कहता है कि बीजेपी रायबरेली (RAEBARELI SEAT) में बढ़ी हालांकि जीत तक नहीं पहुंची। अब सवाल है कि अबकी बार क्या होगा क्या राहुल गांधी के लिए रायबरेली पहले की ही तरह सुरक्षित और जीत की गारंटी है या खेला हो सकता है। रायबरेली का चुनावी इतिहास कहता है कि फ़ैसले के पहले मुकम्मल कुछ भी नहीं।

कांग्रेस का गढ़ रायबरेली सीट

  • 1957: फ़िरोज़ गाँधी (जीते)
  • 1967: इंदिरा गाँधी (जीतीं)
  • 1971: इंदिरा गाँधी (जीतीं)
  • 1980:इंदिरा गाँधी (जीतीं)
  • 1989: शीला कौल (जीतीं)
  • 2004 से 2019 तक: सोनिया गाँधी (जीतीं)

आज़ादी के बाद से अब तक कांग्रेस रायबरेली सीट ( CONGRESS IN RAEBARELI SEAT) पर कुल 16 बार जीत हासिल कर चुकी है। । लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस रायबरेली से तीन बार हार भी चुकी है। सबसे पहले इंदिरा गांधी (INDIRA GANDHI) को 1977 के आम चुनाव में भारतीय लोकदल के राजनारायण (RAJNARAYAN) ने मात दी। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के अशोक सिंह को दो बार 1996 और 1998 में विजयश्री मिली। हालांकि इन दोनों चुनावों में गांधी परिवार का कोई सदस्य नहीं बल्कि गांधी परिवार का क़रीबी ही उम्मीदवार था।

रायबरेली सीट का इतिहास

  • 1957 से अब तक 18 बार चुनाव हुए
  • 15 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की
  • तीन बार कांग्रेस की हार हुई
  • दो बार BJP ने जीत दर्ज की
  • एक बार BLD की जीत हुई

1980 में इंदिरा गांधी दो सीट रायबरेली और मेंडक से चुनाव लड़ीं और जीतीं थी। उसके बाद उन्होंने रायबरेली को छोड़ मेंडक सीट को अपनाया था। सवाल है कि क्या रायबरेली सीट (RAEBARELI SEAT) पर राहुल की जीत होती है तो राहुल वायनाड को अपनाएंगे या इंदिरा गांधी की तरह रायबरेली को छोड़ देंगे। इन सवालों का जवाब चार जून के बाद मिलेगा। लेकिन फिलहाल मैदान पर जो दिख रहा है वो ये कि रायबरेली में भी अबकी बार कांटे का मुक़ाबला होने वाला है। कांग्रेस की लास्ट टाइम नामांकन करने की रणनीति रायबरेली के रण में हिट होगी या फ़्लॉप फ़ैसला 20 मई को ईवीएम में लॉक हो जाएगा।

इसे भी पढ़िए:SURAT ARREST: नूपुर शर्मा, टी राजा को मारने की साजिश रचने का भंडाफोड़, एक करोड़ की सुपारी देने वाला मौलाना गिरफ़्तार

रायबरेली सीट पर गांधी परिवार

  • इंदिरा गांधी: तीन बार चुनाव जीतीं
  • इंदिरा गांधी: 1967, 1971, 1980
  • इंदिरा गांधी: एक बार चुनाव हारीं
  • इंदिरा गांधी:1977 में करारी हार हुई
  • सोनिया गांधी: लगातार चार बार जीतीं
  • राहुल गांधी: पहली बार रायबरेली से उम्मीदवार

रायबरेली लोक सभा सीट पर अबतक जीत

  • 1957 कांग्रेस
  • 1960 कांग्रेस
  • 1962 कांग्रेस
  • 1967 कांग्रेस
  • 1971 कांग्रेस
  • 1977 BLD
  • 1980 कांग्रेस
  • 1984 कांग्रेस
  • 1989 कांग्रेस
  • 1991 कांग्रेस
  • 1996 BJP
  • 1998 BJP
  • 1999 कांग्रेस
  • 2004 कांग्रेस
  • 2009 कांग्रेस
  • 2014 कांग्रेस
  • 2019 कांग्रेस

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article