Iran Israel war: इज़राइल और ईरान के बीच छिड़ी जंग अगर अगले पड़ाव पर पहुंची तो जो हालात बनेंगे वो सिर्फ़ पश्चिम एशिया नहीं, बल्कि पूरे दुनिया के लिए घातक साबित हो सकते हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि जिस इस्फ़हान शहर पर इज़राइल ने हमला किया है, वो ईरान का कोई आम शहर नहीं है। एक तरह से कहें तो इस्फ़हान ईरान का रक्षा कवच है, जिस उतारने की कोशिश इज़राइल शुरु कर चुका है।
ईरान VS इज़राइल, जंग का नया पड़ाव
पश्चिम एशिया में भड़की युद्ध की चिंगारी कहां तक जाएगी, ये कोई नहीं जानता। लेकिन लोग ये ज़रूर समझना चाहते हैं कि आखिर इज़राइल ने ईरान के इस्फ़ान को ही अपने टारगेट के लिए क्यों चुना। क्यों इज़राइल की मिसाइलों ने इस्फ़ान में बारूद की बारिश की? इस सवाल का जवाब इस्फ़हान की भौगोलिक स्थिति में छिपा है।
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इस्फ़हान पर हमला
- ईरान का इस्फ़हान शहर देश के मध्यवर्ती इलाक़े में है
- इस शहर की सीमा के ठीक पास इराक लगता है
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जानकार मानते हैं कि इस शहर में कई ऐसे टारगेट हैं, जो इज़राइल की सेना के रेडार पर हैं। दावा है कि इस्फ़हान में एक सैन्य एयर बेस है, जहां मिसाइल प्रॉडक्शन फ़ैक्टरी भी है। दावा है कि विशाल परमाणु रिएक्टर चीन द्वारा बनाया गया है। इस शहर में फ़्यूल प्रॉडक्शन प्लांट भी है।
इस्फ़हान पर हमले की इनसाइड स्टोरी
- दावे के मुताबिक़ इस्फ़हान में एक सैन्य एयर बेस है
- एक मिसाइल प्रॉडक्शन फ़ैक्टरी है
- चीन का बनाया हुआ विशाल परमाणु रिएक्टर है
- शहर में फ़्यूल प्रॉडक्शन प्लांट भी है।
Iran Israel war: युद्ध का सायरन इज़राइल ने बजा दिया
बताया जा रहा है कि इज़राइल ने इस हमले में ड्रोन का भी इस्तेमाल किया है। यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक़ अगर इस रिपोर्ट में दम है, तो इससे पहले भी जनवरी 2023 में इज़राइल ने इस्फ़हान को ठीक इसी तरह से निशाना बनाया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि हो सकता है कि इजराइल ने लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल किया हो। इसके अलावा रिपोर्ट ये भी दावा करती है कि ईरान यहां अत्याधुनिक हथियारों को विकसित कर रहा था। ईरान का दावा था कि इन विस्फोटों से उसे कोई खास नुकसान नहीं हुआ। वहीं पश्चिमी ख़ुफ़िया एजेंसियों और ईरानी सूत्रों का कहना है कि मोसाद ने जुलाई 2020 में भी इसी तरह का ऑपरेशन ईरान के नतांज परमाणु केंद्र में अंजाम दिया था। यानी इस्फ़हान वो केंद्र है, जहां से ईरान की सैन्य गतिविधियों को टारगेट कर उन्हें रोका जा सकता है।
कौन किस पर भारी पड़ी?
सबसे पहले देखते हैं ईरान की सैनिक क्षमता कितनी है। सैनिक-5 लाख 34 हज़ार जबकि इज़राइल के पास 6.46 लाख सैनिक हैं…ईरान के पास कुल एयरक्राफ़्ट 541 हैं जबकि इज़राइल के पास 601 एयरक्राफ्ट हैं… ईरान और इज़राइल के पास 126- 126 हेलिकॉप्टर हैं…ईरान के पास 4071 टैंक हैं… जबकि इज़राइल के पास 2200 से ज्यादा टैंक हैं… ईरान के पास 300 मोबाइल रॉकेट प्रोजेक्टर हैं… जबकि इज़राइल के पास 1085 मोबाइल रॉकेट प्रोजेक्टर हैं… ईरान के पास 21 पेट्रोल वेसल हैं जबकि इज़राइल के पास 45 पेट्रोल वेसल हैं… ईरान के पास 21 पनडुब्बी हैं…जबकि इज़राइल के पास 5 पनडुब्बी है… ईरान के पास 650 की आर्टिलरी है जबकि इज़राइल के पास 580 आर्टिलरी ही है… अब बात परमाणु बम की… जानकारी के मुताबिक ईरान के पास कोई परमाणु बम नहीं है… जबकि इज़राइल के पास 190 परमाणु बम का अनुमान जताया जाता है।
Iran Israel war: ईरान की सैन्य क्षमता
- हेलिकॉप्टर – 126
- टैंक- – 4071
- आर्टिलरी- -650
- बलिस्टिक मिसाइल- -3000 से ज़्यादा
- मोबाइल रॉकेट प्रोजक्टर -300
- पनडुब्बी – 19
- पेट्रोल वेसल- -21
- परमाणु क्षमता- -कोई जानकारी नहीं
Iran Israel war: इज़राइल की सैन्य क्षमता
- सैनिक – 6.46 लाख
- एयरक्राफ़्ट – 601
- अटैक टाइप जेट – 26
- मोबाइल रॉकेट प्रोजेक्टर -1085
- हेलिकॉप्टर -126
- टैंक -2200 से ज़्यादा
- आर्टिलरी- – 580
- पेट्रोल वेसल- -45
- पनडुब्बी- -5
- सेल्फ़ प्रोपेल्ड आर्टिलरी- – 650
- नौसैनिक जहाज़- – 67
- परमाणु बम- -80 से 400 का अनुमान