Bihar Lok Sabha: 24 घंटे के अंदर नई नवेली दुल्हन को टिकट, 1990 के दशक का कुख्या बना राजनीति का केंद्र

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Bihar Lok Sabha: अशोक महतो… अपराध की दुनिया का वो नाम जिसके क्राइम की कहानी से नवादा, पटना और मुंगेर समेत बिहार के कई ज़िलों के थाने पटे पड़े हैं। 2001 में हुए जेल ब्रेक कांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अशोक महतो भी इस बार चुनाव मैदान में उतरना चाहते था। लेकिन उनकी इस चाहत में सबसे बड़ी दिक्कत बना है सजायाफ्ता कैदी के चुनाव ना लड़ने का क़ानून। लेकिन चुनाव है तो नेता जी कहां मानने वाले हैं, लिहाजा नवादा के बाहुबली नेता अशोक महतो ने आधी रात को गुप चुप तरीके से शादी रचा ली। 55 साल के बाहुबली अशोक महतो ने पटना जिले के करौटा में जगदंबा मंदिर में अपने परिवार और समर्थकों की मौजूदगी में शादी रचाई। अशोक महतो ने खुद से 16 साल छोटी मुंगेर जिले की रहने वाली अनीता देवी ने शादी की है।

लालू यादव के RJD के टिकट पर मुंगेर से उनकी पत्नी को टिकट मिला है। अशोक यादव की पत्नी का मुकाबला जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद ललन सिंह से होगा। अब सवाल है कि बिहार (Bihar Lok Sabha) की राजनीति में अचानक चर्चा का केंद्र बने अशोक महतो हैं कौन

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Bihar Lok Sabha: कई हत्याओं में आरोपी

अशोक महतो का गिरोह 1990 के दशक में हुए जातीय संघर्ष में चर्चा में आए थे। अशोक महतो ने नवादा से अपराध की दुनिया में कदम रखा,देखते ही देखते वो नालंदा और शेखपुरा ज़िलों में आतंक का पर्याय बन गया। इसके बाद कई नरसंहार में अशोक महतो का नाम आया। 11 मई, 2000 की रात एक ही परिवार के 11 लोगों को गोलियों से भून डाला गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजो सिंह की शेखपुरा में हुई हत्या में भी अशोक महतो का नाम आया था। नवादा जेल के अंदर रहते हुए 2002 में तीन पुलिस कर्मियों की हत्या कर भाग निकलने वाला अशोक महतो को पिछली बार 2006 में देवघर से गिरफ्तार किया गया था। नवादा जेल ब्रैक मामले में कोर्ट से उम्रकैद की सज़ा मिली थी, लेकिन 17 साल बाद दिसंबर 2023 में उसे जेल से रिहा कर दिया गया।

Bihar Lok Sabha: अशोक की क्राइम कुंडली

  • 1990 के दशक में हुए जातीय संघर्ष में चर्चा में आए
  • नवादा से अपराध की दुनिया में कदम रखा
  • नालंदा और शेखपुरा ज़िलों में आतंक का पर्याय बने
  • कई नरसंहार में अशोक महतो का नाम आया
  • 11 मई, 2000 को एक ही परिवार के 11 लोगों को गोलियों से भूना
  • वरिष्ठ नेता राजो सिंह की हत्या में नाम आया
  • 2002 में तीन पुलिस कर्मियों की हत्या कर जेल से भागा
  • 2006 में अशोक महतो देवघर से गिरफ्तार हुआ
  • नवादा जेल ब्रैक मामले में कोर्ट से उम्रकैद की सज़ा मिली
  • दिसंबर 2023 में जेल से रिहा

जेल से रिहा होने के साथ ही अशोक महतो बिहार (Bihar Lok Sabha) में किसी भी सीट से चुनाव लड़ने की जुगत में थे और सियासी पार्टियों से टिकट पाने के लिए आए दिन अपनी ताक़त का एहसास कराते रहते थे। बीते दिनों अशोक महतो ने मुंगेर में रोड शो भी किया था। लेकिन अब उसकी नई नवेली दुल्हन को मुंगेर से आरजेडी ने सिंबल दे दिया।

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