Mukhtar Ansari Family:पाक सेना और देश बांटने वाली पार्टी से मुख्तार का क्या है संबंध? परिवार का पूरा इतिहास जानिए

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Mukhtar Ansari Family: माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की 28 मार्च रात 10 बजे मौत हो गई। जिसके बाद मुख्तार को गाजीपुर में ही दफना दिया गया। हालांकि, मुख्तार अंसारी के परिवार का पूर्वांचल की राजनीति में हमेशा से दबदबा रहा। अंसारी परिवार का असर मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, बलिया और बनारस के साथ ही पूर्वांचल के कई जिलों तक प्रभाव रहा। यही वजह से कि परिवार में भाई, बेटा से लेकर भतीजा तक अलग लग पार्टी से जीतते रहे हैं।

पाक सेना और मुस्लिम लिग से संबंध

बाहुबली मुख्तार अंसारी के दादा डॉ मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान 1926-27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और वे गांधी जी के बेहद करीबी माने जाते थे। कांग्रेस के साथ साथ वो मुस्लिम लिग के भी अध्यक्ष रहे। हालांकि,, मोहम्मद जिन्ना से मनमुटाव होने की वजह से उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी। उनकी याद में दिल्ली की एक रोड का नाम उनके नाम पर है। मुख्तार अंसारी के नाना नौशेरा युद्ध के नायक थे। ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाज़ा गया मुख्तार के नाना को पाकिस्तान में सेना प्रमुख बनने का ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने भारत में ही रहना पसंद किया। इस दौरान वो भारतीय सेना के ऊंचे पदों पर रहे। मुख्तार के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी गाजीपुर में अपनी साफ सुधरी छवि के साथ राजनीति में सक्रिय रहे थे। कम्यूनिस्ट नेता होने के अलावा अपनी साफ सुथरी छवि की वजह से मुख्तार के पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी को 1971 के नगर पालिका चुनाव में निर्विरोध चुना गया था। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मुख्तार के रिश्ते में चाचा लगते हैं।

Mukhtar Ansari Family: अंसारी परिवार का इतिहास

  • मऊ, ग़ाज़ीपुर, जौनपुर, बलिया, बनारस तक असर
  • मुख़्तार अंसारी के दादा आज़ादी की लड़ाई में भाग लिए
  • 1926-1927 में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे
  • मुख़्तार अंसारी के नाना महावीर चक्र से सम्मानित
  • मुख़्तार के पिता ग़ाज़ीपुर की राजनीति में सक्रिय रहे
  • पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी मुख़्तार अंसारी के रिश्तेदार

मुख़्तार अंसारी पर क़ानून का डंडा

  • पूर्वांचल के कई ज़िलों, लखनऊ, दिल्‍ली और पंजाब में FIR
  • दो मामलों में मुख़्तार अंसारी को उम्रक़ैद
  • कोर्ट ने 7 मामलों में मुख़्तार को सज़ा सुनाई
  • मुख़्तार 8 मामलों में दोषी करार दिए गए थे

हत्या कर भाई की हार का बदला!

  • 2002 विधान सभा चुनाव में कृष्णानंद राय से मुख्‍तार के भाई हारे
  • कृष्णानंद राय की हत्या कर भाई की हार का बदला लेने का आरोप
  • कृष्णानंद राय की हत्या केस में अप्रैल 2023 में 10 साल की सज़ा

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Mukhtar Ansari Family: मुख्तार का लंबा सिसायी सफर

बात मुख्तार अंसारी के सियासी सफर की करें तो.. वो खुद भी मऊ सीट से लगातार 5 बार विधायक चुने गए थे। 1996 में BSP के टिकट पर जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचने वाले मुख़्तार अंसारी ने 2002, 2007, 2012 और फिर 2017 में भी मऊ से जीत हासिल की। मुख्तार अंसारी पहली बार 1996 में BSP के टिकट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे। दूसरा बार 2002 में उन्होंने पाला बदला और निर्दलीय ही विधान सभा पहुंच गए। तीसरी बार 2007 में भी वो निर्दलीय जीत का परचम लहराने में कामयाब रहे। 2012 में मुख्तार अंसारी कौमी एकता दल के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। 2017 में उन्होंने एक बार से BSP का दामन थामा और मऊ सीट से जीतकर विधान सभा पहुंचे। इनमें से आखिरी 3 चुनाव उसने देश की अलग-अलग जेलों में बंद रहते हुए लड़े और जीते। मुख़्तार अंसारी को अप्रैल 2010 में BSP ने पार्टी विरोधी गतिविधियों और आपराधिक गतिविधियों को लेकर निष्कासित कर दिया था, लेकिन जनवरी 2017 में मुख्तार की BSP में वापसी हुई।

मुख़्तार का सियासी सफर

  • पहली बार 1996 में BSP के टिकट पर विधायक बने
  • 2002 में दूसरी बार निर्दलीय विधायक बने
  • तीसरी बार 2007 में फिर विधान सभा पहुंचे
  • 2012 में कौमी एकता दल के टिकट पर चौथी बार विधायक
  • 2017 में BSP के टिकट पर पांचवीं बार विधायक बने

मुख़्तार का जेल टु जेल सफर

  • ग़ाज़ीपुर
  • मथुरा
  • आगरा
  • बांदा
  • रोपड़ (पंजाब)
  • बांदा

Mukhtar Ansari Family: BJP छोड़ हर एक पार्टी से संबंध

हालांकि बाहुबली मुख्तार अंसारी के परिवार का सियासी इतिहास लंबा है। उनके सबसे बड़े भाई सिगबतुल्ला अंसारी गाजीपुर के मोहम्मदाबाद से दो बार विधायक रहे हैं। अब उसी सीट से सिगबतुल्ला अंसारी के बड़े बेटे मन्नू अंसारी विधायक हैं। उनके और बेटे-बेटियां भी जिलास्तर की राजनीति में सक्रीय हैं। मुख्तार अंसारी के दूसरे भाई अफजाल अंसारी अभी गाजीपुर से सांसद हैं। वो चार बाद सीपीआई और एक बार सपा के टिकट पर विधायक रहे हैं। इस बार भी सपा ने उन्हें गाजीपुर लोक सभा सीट से चुनावी महासमर में उतारा है। इसे पहले भी अफजाल अंसारी सपा के टिकट पर भी सांसद रह चुके हैं। वही, मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी 2022 में सुभासपा के टिकट पर मऊ से विधायक बना, फिलहाल वो भी जेल में बंद है। मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी शॉट गन शूटिंग का इंटरनेशनल खिलाड़ी है। दुनिया के टॉप टेन शूटरों में शुमार अब्बास अंसारी ना सिर्फ़ नेशनल चैंपियन रह चुका है। बल्कि दुनियाभर में कई पदक जीतकर देश का नाम रौशन कर चुका है। लेकिन अब वो भी पिता के कर्मों की सज़ा भुगत रहा है, उसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है और अभी वो जेल में है।

इस तरह से देखा जाए तो अंसारी परिवार का मऊ और गाजीपुर में सियासी वर्चस्व हमेशा से रहा है। लेकिन दावा है कि मुख्तार की मौत के बाद उस दबदबे वाली राजनीति पर असर पड़ना तय माना जा रहा है।

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