Congress Lok Sabha : I.N.D.I.A. में झगड़ा नॉनस्टॉप, दो पुराने सहयोगी से कांग्रेस को बड़ा झटका, दोस्ताना मुकाबले की संभावना

लोक सभा चुनाव में कांग्रेस अपने दो सबसे भरोसमंद सहयोगी दलों के बीच बुरी तरह फंस गई है। महाराष्ट्र और बिहार में कांग्रेस के साथ बड़ा खेला हो गया है। उद्धव ठाकरे और लालू यादव ने दो ऐसे फ़ैसले किये हैं जिसके बाद कांग्रेस के नेता पार्टी लीडरशिप पर सवाल उठा रहे हैं। इन सबके बीच इंडिया गठबंधन के अंदर एकजुटता को लेकर बड़ा संकट पैदा हो गया है।

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Congress Lok Sabha :लोक सभा चुनाव के पहले दौर का नामांकन ख़त्म हो गया, लेकिन INDIA गठबंधन एक मंच पर कई टुकड़ों में नज़र आ रही है। दो सबसे बड़े राज्यों महाराष्ट्र (48 सीट) और बिहार (40 सीट) में कांग्रेस की स्थिति सबसे बुरी है। इन दोनों सूबों में इंडिया गठबंधन के अंदर सीट बंटवारे को लेकर ऐसी कलह मची है कि विपक्ष के जिस गठबंधन को सबसे मज़बूत माना जा रहा था,वो टूटता हुआ साफ़ नज़र आ रहा है।

गठबंधन में राहुल गांधी ‘क्लीन बोल्ड’?

सवाल नंबर एक
क्या महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और राहुल गांधी की केमिस्ट्री बिगड़ गई है?

सवाल नंबर दो
क्या बिहार में लालू यादव और कांग्रेस का गठबंधन टूट जाएगा?

हालांकि, महाराष्ट्र में INDIA गठबंधन की कोशिशों को बहुत बड़ा झटका लगा है। पहला झटका उद्धव ठाकरे ने दिया है और गठबंधन को दूसरा शॉक प्रकाश आंबेडकर ने दिया है। महाराष्ट्र में विपक्ष के गठबंधन के ख़्वाबों पर 24 घंटे के अंदर इतना पानी फिर गया है कि 48 सीटों वाले महाराष्ट्र में राहुल गांधी की सभी उम्मीदें मिट्टी में मिल सकती हैं।

Congress Lok Sabha :कई सीटों पर विवाद

भारी उठापटक के बीच ख़बर है कि उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना 22 सीट पर लड़ेगी और शरद पवार वाली NCP 10 सीट पर लड़ेगी। वहीं, कांग्रेस 16 सीट पर लड़ेगी। लेकिन महाविकास आघाड़ी का पहला बड़ा संकट उद्धव ठाकरे की लिस्ट से शुरू हुआ। बिना सीट बंटवारे के ही शिवसेना उद्धव गुट ने 16 उम्मीदवारों की लिस्ट निकाल दी। इसमें सांगली सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया, जबकि ये कांग्रेस की सीट रही है। दूसरा झगड़ा मुंबई को लेकर है जहां की 6 सीटों में कांग्रेस को दो सीट मिलने की उम्मीद थी। जबकि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के लिये सिर्फ़ एक सीट छोड़ी।

Congress Lok Sabha: महाविकास अघाड़ी में पहला विवाद

महाविकास आघाड़ी में सबसे बड़ा पेच मुंबई की सीटों को लेकर फंस है। उद्धव ठाकरे ने जब से मुंबई की 6 में से 5 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है। जिसके बाद कांग्रेस के अंदर खलबली मच गई। इसका सबसे बड़ा नुक़सान संजय निरुपम को बताया जा रहा है। जहां से संजय निरुपम चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन अब वहां से शिवसेना ने अमोल कीर्तिकर को टिकट दे दिया है।

मुम्बई में भारी उठापटक

महाविकास अघाड़ी में संकट मुंबई नार्थ वेस्ट और मुंबई साउथ सेंट्रल से भी गहरा गया है। ये दोनों सीट कांग्रेस के हाथ से जाने पर मुंबई कांग्रेस ठगा हुआ महसूस कर रही है। हालांकि उद्धव ठाकरे और राहुल गांधी की मुलाकात भी हुई, लेकिन सीटों का मुद्दा सुलझ नहीं पाया। मुंबई की नॉर्थ-ईस्ट सीट शिवसेना को मिलने से एनसीपी शरद पवार गुट भी नाराज़ है। NCP ने 2009 में यहां से चुनाव जीता था। शिवसेना ने नॉर्थ ईस्ट मुंबई से संजय दीना पाटिल को मैदान में उतारा है। पाटिल इसी सीट पर पिछले 3 चुनाव में NCP के उम्मीदवार थे। सांगली सीट पर दोस्ताना मुक़ाबले की भी बात हो रही है। विवदा सिर्फ सांगली और मुंबई की सीटों पर ही नहीं है, बल्कि भिवंडी की सीट पर भी है। भिवंडी को लेकर शरद पवार और राहुल गांधी आमने सामने हैं।

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महाविकास अघाड़ी में दूसरा विवाद

वंचित बहुजन आघाड़ी के लीडर प्रकाश आंबेडकर ने कह दिया है कि वो अब अकेले चुनाव लड़ेंगे। प्रकाश आंबेडकर गठबंधन में 15 सीट चाहते थे, लेकिन उद्धव और कांग्रेस उन्हें 5 से ज़्यादा सीट देने के लिये राज़ी नहीं हुए। इसके लिये उद्धव ने अपनी दो सीट दीं। कांग्रेस ने भी अपनी दो सीट क़ुर्बान कीं और एनसीपी ने अपनी तरफ़ से एक सीट दी। लेकिन प्रकाश आंबेडकर की डिमांड 15 सीट पर अटकी रही। इसके बाद प्रकाश आंबेडकर ने महाविकास आघाड़ी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया।

वंचित बहुजन अघाड़ी ने पहले फ़ेज़ के अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। प्रकाश आंबेडकर ख़ुद अकोला से चुनाव लड़ेंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में वंचित बहुचन अघाड़ी ने 7 परसेंट वोट हासिल किये थे। इस पार्टी का अकोला और विदर्भ के आसपास अच्छा समर्थन है, इसलिये VBA अकेले लड़ेगी तो इसका सबसे बड़ा नुक़सान INDIA गठबंधन को ही होगा। हालांकि प्रकाश आंबेडकर ने कहा है कि वो नागपुर में कांग्रेस को समर्थन करेंगे, वहां अपना उम्मीदवार नहीं उतारेंगे।

गडकरी के खिलाफ विपक्ष एकजुट

नागपुर नितिन गडकरी की सीट है। यही वजह है कि प्रकाश आंबेडकर यहां कांग्रेस का साथ देने की बात कर रहे हैं। जब बीजेपी नेता नितिन गड़करी ने नागपुर लोकसभा सीट से नामांकन दायर किया, तब उनके साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस और एनसीपी अजित पवार गुट के प्रफुल पटेल भी मौजूद थे।

Congress Lok Sabha: सीट बंटवारे पर लालू का बाउंसर!

बिहार में भी कांग्रेस और आरजेडी में मामला फंसा दिख रहा है। बिहार की 40 लोकसभा सीटों में कांग्रेस ने शुरू में RJD से 15 सीट मांगीं। लालू यादव ने कहा कि कांग्रेस को 9 सीटों से ज़्यादा नहीं दे पाएंगे, बाद में लालू यादव ने कहा कि अब 6 सीट से ज़्यादा नहीं मिलेंगी। कांग्रेस ने बिहार के औरंगाबाद से निखिल कुमार को चुनाव लड़ाना चाहती थी, लेकिन लालू यादव ने वहां से अभय कुशवाहा को उतारा है। बेगूसराय से कांग्रेस कन्हैया कुमार को चुनाव लड़ाना चाहती है तो लालू ने उसे लेफ़्ट के खाते में डाल दिया है। पुर्णिया की सीट पर कांग्रेस पप्पू यादव को उतारना चाहती है, लेकिन आरजेडी उस सीट से जेडीयू से शामिल हुईं विधायक बीमा भारती को लड़ाएगी। कटिहार से कांग्रेस तारिक़ अनवर को उतारना चाहती थी, लेकिन लालू यादव वहां से अशफ़ाक़ करीम को लड़ाने का मन बना चुके हैं।

साफ़ है कि कांग्रेस ने दबाव बहुत बढ़ाया लेकिन लालू यादव ने अभी तक राहुल गांधी की मर्ज़ी नहीं चलने दी है। लालू प्रसाद यादव दिखाना चाहते हैं कि बिहार की पॉलिटिक्स में वो ही ड्राइविंग सीट पर हैं।

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