Mukhtar Ansari Death:उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी की बांदा में मौत हुई। बांदा जेल में बंद माफिया मुख़्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था। जेल में दिल का दौरा पड़ने के बाद मुख़्तार अंसारी को ICU में भर्ती कराया गया था। दो दिन पहले भी मुख़्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई थी लेकिन उस वक़्त क़ब्ज और यूरिन इनफ़ेक्शन होने की बात सामने आई थी जिसके बाद मुख़्तार को 14 घंटे अस्पताल में गुज़ारना पड़ा। और उसके बाद जेल में ही उसे हार्ट अटैक आया जिसके बाद आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार हाई अलर्ट पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुत बड़ी बैठक की और प्रदेश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम के आदेश दिए।
कौन था मुख्तार अंसारी?
मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में 3 जून 1963 को हुआ था। उसके पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया थी। मुख्तार अंसारी कई बार विधायक रहे। इसके साथ ही उनपर हत्या समेत कई गंभीर आरोप रगे। जिसमें उन्हें कई आरोपों में सजा भी सुनाई गई थी।
Mukhtar Ansari Death:मुख्तार का सियासी सफर
1996 में BSP के टिकट पर जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचने वाले मुख़्तार अंसारी ने 2002, 2007, 2012 और फिर 2017 में भी मऊ से जीत हासिल की।
इनमें से आखिरी 3 चुनाव उसने देश की अलग-अलग जेलों में बंद रहते हुए लड़े और जीते।
मुख़्तार अंसारी को अप्रैल 2010 में BSP ने पार्टी विरोधी गतिविधियों और आपराधिक गतिविधियों को लेकर निष्कासित कर दिया था, लेकिन जनवरी 2017 में मुख्तार की BSP में वापसी हुई।
कौन था मुख़्तार अंसारी?
- उत्तर प्रदेश का बड़ा गैंगस्टर था
- हत्या जैसे संगीन 61 आपराधिक केस दर्ज
- 2005 से जेल में बन्द था
- 1996 से 2017 तक लगातार मऊ से विधायक
- जेल में रहते हुए 3 विधान सभा चुनाव जीते
Mukhtar Ansari Death:पूर्वांचल में बोलती थी तूती
मऊ और उसके आसपास के इलाके में मुख्तार अंसारी की तूती बोलती थी। अब अंसारी के कई ठिकानों को जमींदोज किया गया है, लेकिन कभी वक्त था जब पूरा सूबा मुख्तार के नाम से कांपता था। मुख्तार अंसारी बीजेपी को छोड़कर उत्तर प्रदेश की हर बड़ी पार्टी में शामिल रहा। मुख्तार अंसारी 1996 से 2017 तक लगातार यूपी की विधानसभा पहुंचता रहा।
- मुख़्तार की ‘क्राइम फ़ाइल’
- कुल 61 मुक़दमे
- हत्या और हत्या के प्रयास के 61 केस
- BJP के सत्ता में आने के बाद 6 मामलों में दोषी
- 600 करोड़ की संपत्ति ज़ब्त हुई
- सालाना 215 करोड़ की कमाई ठप हुई
परिवार का गौरवशाली इतिहास
बाहुबली मुख्तार अंसारी के दादा डॉ मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान 1926-27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और वे गांधी जी के बेहद करीबी माने जाते थे। उनकी याद में दिल्ली की एक रोड का नाम उनके नाम पर है। मुख्तार अंसारी के नाना नौशेरा युद्ध के नायक थे। ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाज़ा गया था। मुख्तार के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी गाजीपुर में अपनी साफ सुधरी छवि के साथ राजनीति में सक्रिय रहे थे। कम्यूनिस्ट नेता होने के अलावा अपनी साफ सुथरी छवि की वजह से मुख्तार के पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी को 1971 के नगर पालिका चुनाव में निर्विरोध चुना गया था। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मुख्तार के रिश्ते में चाचा लगते हैं।
- मुख्तार पर आरोप
- 2005 से जेल में बंद था
- अक्टूबर 2005 में मऊ में हुए हिंसा का आरोप
- BJP विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप
- 2005 में कृष्णानंद राय समेत 5 की हत्या के आरोप
- खनन, स्क्रैप, शराब, रेलवे ठेकेदारी पर क़ब्ज़ा
Mukhtar Ansari Death: मुख़्तार का परिवार
मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी शॉट गन शूटिंग का इंटरनेशनल खिलाड़ी है। दुनिया के टॉप टेन शूटरों में शुमार अब्बास अंसारी ना सिर्फ़ नेशनल चैंपियन रह चुका है। बल्कि दुनियाभर में कई पदक जीतकर देश का नाम रौशन कर चुका है। लेकिन अब वो भी पिता के कर्मों की सज़ा भुगत रहा है, उसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है और अभी वो जेल में है।
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2005 से जेल में बंद
अक्टूबर 2005 में मऊ जिले में हिंसा भड़की। इसके बाद उन पर कई आरोप लगे, हालांकि वे सभी खारिज हो गए। उसी दौरान उन्होंने गाजीपुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, तभी से वे जेल में बंद था। पहले उन्हें गाजीपुर जेल में रखा गया, फिर वहां से मथुरा जेल भेजा गया। मथुरा से आगरा जेल और आगरा से बांदा जेल भेज दिया गया था। फिर एक मामले में उसे पंजाब की जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। यूपी में बीजेपी सरकार बन जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उसे फिर से बांदा जेल में शिफ़्ट किया गया।
रोपड़ जेल से यूपी लाया गया था मुख्तार
एक मामले की सुनवाई के लिए मुख्तार अंसारी को यूपी की बांदा जेल से पंजाब की रोपड़ जेल भेजा गया था। इसके बाद वो लंबे समय तक वहीं था। यूपी में बीजेपी सरकार बन जाने के बाद मुख्तार वापस नहीं आना चाहता था। उसे यूपी लाए जाने के लिए दोनों राज्यों की सरकारों के बीच खींचतान चली। 7 अप्रैल 2021 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच बाहुबली मुख्तार अंसारी को पंजाब के रोपड़ से बांदा जेल पहुंचा दिया गया था।
बीजेपी विधायक से थी पुरानी दुश्मनी
साल 2002 में बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय ने अंसारी परिवार के पास साल 1985 से रही गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट छीन ली। कृष्णानंद राय विधायक के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और तीन साल बाद यानी साल 2005 में उनकी हत्या कर दी गई।
Mukhtar Ansari Death:कृष्णानंद राय हत्याकांड से चर्चित
साल 2005 में मुख्तार अंसारी जेल में बंद थे। इसी दौरान बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय को उनके 5 साथियों सहित सरेआम गोलीमार हत्या कर दी गई। कृष्णानंद राय से मुख्तार के भाई अफजल अंसारी चुनाव हार गए। मुख्तार पर आरोप है कि उन्होंने शार्प शूटर मुन्ना बजरंगी और अतिकुर्रह्मान उर्फ बाबू की मदद से 5 साथियों सहित कृष्णानंद राय की हत्या करवा दी।
कुछ लोगों के लिए थी रॉबिनहुड जैसी छवि
ठेकेदारी, खनन, स्क्रैप, शराब, रेलवे ठेकेदारी में अंसारी का कब्ज़ा है। सिर्फ दबंगई ही नहीं बल्कि बतौर विधायक मुख्तार अंसारी ने अपने इलाके में काफी काम किया है. ऐसा मऊ के लोग कहते हैं। सड़कों, पुलों, अस्पतालों और स्कूल-कॉलेजों पर ये रॉबिनहुड अपनी विधायक निधी से 20 गुना ज़्यादा पैसा खर्च करता है।