अतीक अहमद की हत्या और असद के एनकाउंटर के बाद उसका गैंग खत्म होने को है। सरेआम अतीक़ और अशरफ़ की हत्या के बाद खत्म हो रहे A कंपनी के ख़ौफ़ के बीच उसके सबसे बड़े राज़दार गद्दार बनने लगे हैं। क्योंकि UP STF के रडार पर वो लोग हैं जिन्होंने शाइस्ता को फ़रारी के दौरान पनाह दी और उसकी मदद की। उनमें से कई लोगों को तो पुलिस ने गिरफ़्तार भी कर लिया गया। ऐसे ही मददगारों में एक नाम अतीक़ के वकील सौलत हनीफ़ का भी है। जिसने पूछताछ में अतीक़ के कई राज़ उगले।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक़, उसने बताया कि अतीक़ के बेटे असद ने ही उसे 9mm की पिस्तौल और आईफ़ोन दिया था। जिससे उसने 19 फ़रवरी को उमेश पाल की कई तस्वीरें असद को भेजी थीं। सौलत हनीफ़ की पिस्तौल और आईफ़ोन को 3 मई को ही पुलिस ने बरामद कर लिया था। अब पुलिस उसके आईफ़ोन को खंगाल रही है, ताकि उन तथ्यों की जानकारी मिल सके जिन्हें उसने पूछताछ में नहीं बताया। हालांकि सौलत हनीफ़ ने पूछताछ के दौरान अतीक़ के वसूली नेटवर्क को लेकर बड़ा पर्दाफ़ाश किया।

सूत्रों के मुताबिक़ पूछताछ में कई बिल्डर, व्यापारी, नेता और वकीलों के बारे में उसने अहम जानकारियां दीं। जो अतीक़ अहमद और शाइस्ता परवीन के काफ़ी क़रीबी और मददगार हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ उसने पूछताछ में बताया कि साबरमती जेल से अतीक़ गुजरात, मुंबई और दिल्ली के व्यापारियों को कॉल करके धमकाता था। जबकि शाइस्ता परवीन वसूली के धंधे को संभालती थी। सौलत हनीफ़ ने क़बूल किया कि 10 लाख से ज़्यादा की रक़म लेने के लिए उसे भेजा जाता था। जबकि छोटी रक़म अतीक़ का नौकर वसूलता था। यानी वो अतीक़ अहमद के क़ानूनी कामकाज़ तो देखता ही था। इसके साथ वो उसके लिए वसूली भी करता था।

इतना ही नहीं पुलिस सूत्रों के मुताबिक सौलत हनीफ़ ने क़बूल किया कि वो अतीक़ अहमद के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चलने वाले मामले के गवाहों को धमकाता था और दूसरे वकीलों को भी मोटी फीस पहुँचाता था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ सौलत हनीफ़ अब उमेश पाल हत्याकांड में सरकारी गवाह बनना चाहता है। ताकि उसकी मुश्किलें कम हो और सज़ा कम मिले। हालांकि उमेश पाल अपहरण केस में पहले ही उसे उम्रक़ैद की सज़ा हो चुकी है।

इसी साल 28 मार्च को प्रयागराज की MP MLA कोर्ट ने सज़ा सुनाई थी। जिसके बाद उसे नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया। जबकि 24 फ़रवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड की जाँच के दौरान पुलिस ने सौलत को भी आरोपी बनाया। उस पर साज़िश रचने और तस्वीरें शूटरों को भेजने का आरोप लगाया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ हत्याकांड के ठीक पाँच दिन पहले उसने असद को उमेश पाल की 10 अलग अलग तस्वीरें भेजी थी।जिसकी जानकारी पुलिस को सौलत के आईफ़ोन की जाँच कराने पर मिली।