प्रयागराज के जिस खुल्दाबाद थाने में कभी माफ़िया अतीक़ अहमद की हिस्ट्रीशीट खुली थी। वो अपराध की दुनिया का हिस्ट्रीशीटर 53A बन गया था। अब उसी खुल्दाबाद थाने में अतीक अहमद की फ़रार बेगम माफिया शाइस्ता परवीन के खिलाफ हिस्ट्रीशीट खोलने की तैयारी हो रही है। हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद शाइस्ता परवीन माफिया के साथ ही हिस्ट्रीशीटर भी बन जाएगी। शाइस्ता के खिलाफ दर्ज 6 से ज्यादा अपराधिक मुकदमे के आधार पर प्रयागराज पुलिस उसे हिस्ट्रीशीटर बनाने की तैयारी में है।
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माफ़िया शाइस्ता परवीन के ख़िलाफ़ उमेश पाल समेत दो सरकारी गनरो की हत्या कराने का आरोप है। इसके साथ ही अपने बेटे अली का फर्जी आधार कार्ड बनवाने और हथियार का लाइसेंस लेने के लिए ग़लत जानकारी देने का आरोप है। शाइस्ता पर अवैध हथियार रखने जैसे गंभीर मामलों में मुकदमा दर्ज हैं। आमतौर पर जो आदतन अपराधी होता है, पुलिस उसी के ख़िलाफ़ हिस्ट्रीशीट खोलती है। हिस्ट्रीशीट खुलते ही माफिया शाइस्ता परवीन के लिए अग्रिम जमानत लेने और भविष्य में अपराधिक मामलों में जमानत मिलने में काफी मुश्किल आएगी।
![शाहिस्ता और अतीक अहमद](https://www.jaijanta.com/wp-content/uploads/2023/04/shaista-atiq.png)
2 मई को धूमनगंज थाने के प्रभारी राजेश कुमार ने एक एफआईआर दर्ज कराई। उसमें शाइस्ता परवीन को माफिया अपराधी कह कर संबोधित किया था। पुलिस का ये तरीक़ा शाइस्ता पर नए सिरे से शिकंजा कसने के तौर पर देखा जा रहा था। ठीक वैसे ही शाइस्ता के ख़िलाफ़ हिस्ट्रीशीट खोलना भी एक पुलिस का नया पैंतरा के तौर पर देखा जा रहा है। 24 फरवरी उमेश पाल के शूटआउट के बाद शाइस्ता परवीन के ख़िलाफ़ नामजद FIR दर्ज हुई। तभी से शाइस्ता परवीन लगातार फ़रार है। उमेश पाल हत्याकांड पुलिस तफ्तीश में अब तक कई जानकारी निकलकर सामने आई है। उसके मुताबिक शाइस्ता परवीन अतीक और अशरफ की हर साजिश के बारे में जानती थी। अतीक अहमद के जेल जाने के बाद हवाला कारोबार और वसूली गैंग की प्रमुख भी बन गई थी। पुलिस लगातार उन पीड़ित परिवार से संपर्क में भी है जिनसे शाइस्ता और उसका गैंग लगातार वसूली कर रहा था,
![असद, शाइस्ता और अतीक](https://www.jaijanta.com/wp-content/uploads/2023/04/asad-shaista-atiq.png)
जाहिर तौर पर पीड़ित परिवार को कोर्ट में सरकारी गवाह के तौर पर पुलिस पेश कर सकती है। यानि पुलिस की कोशिश शाइस्ता को गिरफ़्तार करने के साथ ही उसके ख़िलाफ़ ऐसे सबूत इकट्ठा करना है। ताकि शाइस्ता क़ानून दांवपेंच का फ़ायदा उठाकर बच ना पाए।