Putin Prigopzhin: पुतिन इस वक्त सबसे बड़े संकट में हैं, क्योंकि रूस में सबसे बड़ी बगावत के बाद खतरा तख्तापलट का है। पुतिन पूरी ताकत के साथ इस तख्तापलट की साज़िश को कुचलने की तैयारी में हैं। लेकिन सवाल है कि ये संकट कितना बड़ा है? क्या पुतिन कामयाब होंगे?
Putin Prigopzhin: सबसे बड़ी मुश्किल में पुतिन
जो टैंक अब तक यूक्रेन में कहर बरपा रहे थे। वो टैंक अब रूस के शहर में घुस आए। जो सैनिक अब तक पुतिन के लिए जान की बाज़ी लगा रहे थे। वो अचानक पुतिन के दुश्मन बन कैसे बन गए? इन सवालों को लेकर पूरी दुनिया हैरान है। लेकिन पुतिन के लिए ये सबसे मुश्किल की घड़ी है। मुश्किल इसलिए क्योंकि रूस में बवागत की ये आग अगर नहीं बुझाई गई, तो रूस में वो होगा। जो दुनिया के इस सुपरपावर मुल्क का इतिहास बदल कर रख देगा।
Putin Prigopzhin: यूक्रेन युद्ध में भी कमजोर होगा रूस
सबसे पहले ये समझते हैं कि कि पुतिन की सबसे भरोसेमंद और सबसे ताकतवर सेना वैगनर ग्रुप ने विद्रोह के लिए रूस के रोस्तोव शहर को ही क्यों चुना? रोस्तोव रूस का दक्षिण पश्चिमी शहर है। जिसकी सीमाएं यूक्रेन से लगती हैं। रोस्तोव को डॉनबास जाने का एंट्री गेट भी कहा जाता है। यानी अगर रोस्तोव शहर में बगावत की आग और बढ़ी या यहां पुतिन का कंट्रोल ढीला पड़ा। तो डोनबास में भी पुतिन के नियंत्रण को लेकर रूस की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
लेकिन इन सबके बीच सवाल ये है कि महायुद्ध के बीच पुतिन के खिलाफ ये बगावत कैसे हो गई? क्या पुतिन के ख़िलाफ़ तख्तापलट की तैयारी है? क्या विद्रोह के पीछे यूक्रेन का हाथ है? या फिर यूक्रेन युद्ध में पुतिन को हराने के लिए सेना में फूट की साज़िश रची गई? इन सवालों के जवाब से ख़ुद पुतिन भी आशंकाओं से घिरे हुए हैं। पुतिन को पता है कि अगर इस वक्त वो अपने ही घर में चूके, तो फिर नतीजा कुछ भी हो सकता है।
मॉस्को में सुरक्षा बढ़ाई गई
लिहाजा पुतिन ने फुल पावर के साथ इस विद्रोह को कुचलने की तैयारी शुरू कर दी है। सेंट पीटर्सवर्ग में वैगनर ग्रुप के हेडक्वार्टर को सेना ने अपने क़ब्ज़े में ले लिया है। इसके साथ ही वैगनर चीफ़ प्रिगोजीन को वापस लौटने का आखिरी अल्टीमेटम जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही पुतिन ने मॉस्कोआने वाले हाईवे को सील करने का आदेश दे दिया है। ताकि विद्रोह की आग राजधानी मॉस्को तक ना पहुंचे। तख्तापलट की किसी भी कोशिश को मॉस्को पहुंचने से पहले ही कुचल दिया जाए।
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Putin Prigopzhin: राजधानी से ज्यादा दूर नहीं विद्रोही
रूस के दक्षिण पश्चिम इलाक़े में रॉस्तोव शहर है। जिसकी सीमाएं यूक्रेन से लगती है। यूक्रेन के डॉनबास से रोस्तोव की सीमाएं लगती हैं। डॉनबास में फिलहाल रूस का नियंत्रण है। और रोस्तोव को लेकर कहा जाता है कि ये डॉनबास का एंट्री गेट है। ऐसे में रोस्तोव में पुतिन के बागियों का क़ब्ज़ा रूस की मुश्किलें बढ़ा सकता है। खासकर ऐसे समय में जब रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है।
पुतिन के लिए खतरा इतना भर ही नहीं है। रोस्तोव में जिस जगह पुतिन के बागियों ने कब्जा कर रखा है। वहां से राजधानी मॉस्को की दूरी करीब एक हजार किलोमीटर है। चर्चा तो हो रही है कि वैगनर ग्रुप ने ये बगावत तख्तापलट के लिए की है। इस बात की आशंका पुतिन को भी है। इसलिए मॉस्को की भी जबरदस्त घेरेबंदी की गई है। ताकि वैगनर ग्रुप किसी भी सूरत में मॉस्को की ओर ना बढ़े।
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अब बताते हैं कि पुतिन के खिलाफ किसने बगावत की है?
पुतिन की ‘प्राइवेट ब्रिगेड’
- वैगनर ग्रुप की स्थापना दिमित्री यूटकिन ने की थी
- हिटलर के संगीतकार रिचर्ड वैगनर के नाम पर ग्रुप
- अभी येवगीनी प्रीगोज़न वैगनर ग्रुप के प्रमुख हैं
- ग्रुप पर हर महीने 8 अरब 28 करोड़ से ज़्यादा ख़र्च
- वैगनर ग्रुप में 90% लड़ाके पूर्व कै़दी
- वैगनर ग्रुप में हत्यारे, बलात्कारी, ड्रग्स माफ़िया शामिल
- यूक्रेन में 50 हज़ार से ज़्यादा लड़ाके शामिल हुए
- सीरिया युद्ध में भी शामिल रहा वैगनर ग्रुप
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आखिर येवगनी ने ये बगावत क्यों की इसके पीछे की वजह बताते हैं।
बग़ावत की वजह
- वैगनर ग्रुप के कैम्प पर हमला हुआ
- वैगनर ग्रुप को रूसी सेना में मिलाने का दबाव
- प्राइवेट आर्मी को ख़त्म करने की कोशिश
- रूसी सेना और वैगनर ग्रुप में अनबन
- सर्गेई शोइगू और येवगीनी प्रीगोज़न में तकरार
- वैगनर ग्रुप को हथियारों की कम सप्लाई
- यूक्रेनी इलाक़ों पर जीत का रूसी सेना ने लिया श्रेय