Israel Palestine Conflict: एक महीने का युद्ध और हर तरफ़ तबाही ही तबाही… दस हज़ार से अधिक लोगों की मौत… हज़ारों की तादाद में जख़्मी… ये है ग़ाज़ा का सच… और ये सच हर दिन बीतने के साथ ही पहले से काला और काला और काला होता जा रहा है… क्योंकि जंग अभी ख़त्म नहीं हुआ है।
Israel Palestine Conflict: एक ज़िद से तबाह हो रहा है ग़ाज़ा!
7 अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने इज़राइल में घुसकर जो किया, उसके नतीजे से वो अंजान थे, ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। उन्हें मालूम था वो कि वो क्या करने जा रहे है? इसके ही उन्हें मालूम था कि वो किसके ख़िलाफ़ हमला करने जा रहे हैं और यकीनन उन्हें पक्का मालूम था कि इसका अंजाम कितना ख़ौफनाक होगा। और हुआ भी वैसा ही… 7 अक्टूबर के बाद इज़राइल ने जो किया और जो करता जा रहा है वो ना सिर्फ़ हमास बल्कि दुनिया देख रही है।
तो ऐसे में सवाल ये है कि ग़ाज़ा की बर्बादी का ज़िम्मेदार कौन है? इज़राइल, जिसने हमास के आतंकियों को मिटा देने की कसम खाई है। ऐसी कसम जिसके आगे उसे कुछ नहीं दिख रहा है… ना बेगुनाह लोग, ना महिलाएं, ना बच्चे, ना घायल, ना बीमार, कुछ भी नहीं…
- या ग़ाज़ा की बर्बादी का असली ज़िम्मेदार है हमास की जानलेवा हठ…
- जी हां, हमास की जानलेवा हठ
- वो ज़िद जिसके सामने उसके अपने ही मुल्क के लोगों की कोई कीमत नहीं
- वो ज़िद जिसके सामने आम लोंगों की ज़िंदगी बेहद सस्ती है
- वो ज़िद जिसमें ग़ाज़ा के बेबस लोगों से अधिक उसे अपने आतंकी गैंग की फिक्र है
Israel Palestine Conflict: हमास की ज़िद सबको मार डालेगी!
- ज़िद दोनों तरफ़ है लेकिन फ़र्क़ साफ है
- इज़राइल की ज़िद हमास के आतंक के ख़िलाफ़ है, उसे मिटा देने की है
- और हमास की ज़िद लोगों की ज़िंदगी के बदले ख़ुद को बचाये रखने की है
- हमास चाहे तो आज ही युद्ध रूक सकता है
- हमास चाहे तो बहुत कुछ गवां चुके ग़ाज़ा के लोग नई ज़िंदगी की शुरुआत कर सकते हैं
- हमास चाहे तो मौत के साये में जी रहे लोग फिर से मुस्कुरा सकते हैं
- और उसे इसके लिए वो करना होगा जो इज़राइल की पहली मांग है, 240 बंधकों कि रिहाई
बंधकों की रिहाई तक युद्ध विराम ‘नामुमकिन’
दुनिया के कई देशों से इज़राइल पर युद्धविराम का दबाब है। ख़ुद उसका साथ दे रहे अमेरिका ने भी कुछ दिनों के लिए युद्ध विराम की अपील की। लेकिन इज़राइल ने सबको दो टूक जवाब दे दिया कि युद्ध विराम नहीं होगा। इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतनयाहू ने साफ कर दिया है कि बंधकों की रिहाई से पहले युद्ध विराम के बारे में सोच भी नहीं सकते।
ज़ाहिर है कि युद्ध विराम तब तक नहीं होगा जब तक बंधकों की रिहाई नहीं होती और इसकी पहल हमास को ही करनी है। अगर हमास ग़ाज़ा और उसके लोगों को बचाना चाहता है तो उसे बंधकों को रिहा करना पड़ेगा। लेकिन ये सबकुछ इतना आसान नहीं है क्योंकि हमास जानता है कि इज़राइल के ख़िलाफ़ इस जंग में ये बंधक ही उसका सबसे बड़ा हथियार हैं।
Israel Palestine Conflict: एक ज़िद से तबाह हो रहा है ग़ाज़ा!
- ये बंधक ही हैं जिनके बदले वो इज़राइल पर दवाब बना सकता है
- ये बंधक ही हैं जिनके बदले वो अपने लोगों को रिहा करा सकता है
- और ये बंधक ही हैं जिनके बदले वो अपने आतंकी गैंग को बचा सकता है
यही वजह है कि वो बंधकों को अपनी शर्तों के हिसाब से रिहा करने पर अड़ा है। और बंधकों की रिहाई के लिए हमास की सिर्फ एक शर्त है, इज़राइल से अपने क़ैदियों की रिहाई। जाहिर है हमास अपने आतंकियों को बचाये रखने की कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार है, चाहे वो अपने बेगुनाह लोगों की ज़िंदगी ही क्यों ना हो। हमास की इसी ज़िद का जीता जागता सबूत है ग़ाज़ा, जहां सिर्फ़ बर्बादी ही बची है।
Israel Palestine Conflict: दो तरफ़ा ज़िद में जीने को तरसते लोग
- इज़राइल पर हमला किया हमास के आतंकियों ने कीमत चुका रहे हैं ग़ाज़ा के बेगुनाह लोग जबकि हमास के आतंकी बंकरों में छिप गये
- इज़राइल और विदेशी लोगों को बंधक बनाया हमास ने और हज़ारों की संख्या में जान जा रही है आम लोगों की जबकि हमास के कुछ ही आतंकी मारे गये
- बंधकों की रिहाई से इनकार किया हमास ने और लगभग पूरा ग़ाज़ा बेघर हो गया जबकि हमास के आतंकी अब भी सुरंगों में सुरक्षित हैं
- इज़राइल के ख़िलाफ़ हिज़्बुल्लाह, हूथी साथ दे रहे हैं हमास का और दाने-दाने को तरस रहे हैं ग़ाज़ा के लोग जबकि हमास के आतंकी ऐशो आराम से हैं
- इज़राइल पर मुस्लिम देशों से धमकी दिला रहा है, हमास और ग़ाज़ा के अस्पतालों में तड़प रहे हैं आम लोग, जबकि हमास के आतंकी आलीशान बंगलों में हैं
- इज़राइल की सेना पर रॉकेट दाग रहा है हमास और सीने पर गोली का रहे हैं आम लोग जबकि हमास के आतंकी सबसे पीछे छिपे हुए हैं
इस भीषण जंग का पूरा सच यही है, और जब तक बंधकों की रिहाई होती नहीं, युद्ध विराम होता नहीं तब तक, ना जाने ये सच और कितना भयानक होगा, जिसका ख़्याल ही लोगों की रूह कंपा देने के लिए काफी है।
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Israel Hamas Conflict: हमास की ‘जानलेवा हठ’, बेबस बेगुनाह
13 दिन हो गए. ग़ाज़ा में इज़राइल का ग्राउंड ऑपरेशन जारी है। अपने ग्राउंड ऑपरेशन से इज़राइल की सेना ने उत्तरी ग़ाज़ा से दक्षिणी ग़ाज़ा का सम्पर्क तोड़ दिया है, लेकिन ग़ाज़ा शहर में इज़राइल की सेना फंस गई है।
- ग़ाज़ा शहर में इज़राइल की सेना को कई तरह के सरप्राइज़ अटैक को झेलना पड़ रहा है। दरअसल ये हमास का होम ग्राउंड है और यहां इसका फ़ायदा उसे मिल रहा है
- हमास के आतंकी घात लगाए हुए हैं और टारगेट के आने का इंतज़ार कर रहे हैं, टारगेट ख़ुद चलकर उनके निशाने पर आ रहे हैं
- वहीं इज़राइल की सेना आम लोगों को बचाने में भी जुटी है, उन्हें आतंकियों का ख़ात्मा करना है लेकिन आम लोगों को नुक़सान नहीं पहुंचाना है, ये भी बड़ी चुनौती है
- वहीं हमास को कोलेटरल डैमेज की ज़रा भी फ़िक्र नहीं है. वे तो लोगों को अपना रक्षा कवच बना रहे हैं, एक ह्यूमन शील्ड की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं
- हमास को अपने शहर का फ़ायदा मिल रहा है, जहां वे बिल्डिंगों में छिपकर, मलबों में छिपकर, घात लगाकर इज़राइल की सेना पर हमला कर रहे हैं
- कंधे पर रखकर चलाए जाने वाले लॉन्चर इज़राइल के लिए सबसे बड़ी मुसीबत हैं, क्योंकि इसके ज़रिए हमास के आतंकी इज़राइल के टैंकों को एक एक कर के बेकार कर रहे हैं
- इसके अलावा गलियों में लैंड माइन बिछा रखी है, हालांकि इज़राइली सेना के इंजीनियर आगे आगे चलकर लैंड माइन्स को क्लियर कर रहे हैं लेकिन कुछ गलियों में इक्यूपमेंट ले जाना संभव नहीं और वहां लैंड माइन बड़ी मुसीबत हैं.
एक ज़िद से तबाह हो रहा है ग़ाज़ा!
इसके अलावा वहां बिछा सुरंगों का जाल एक अलग मुसीबत है, जहां से रह रहकर अचानक अटैक हो रहे हैं। हालांकि, इज़राइल को पहले से पता था कि अगर वो ग़ाज़ा में घुसी तो उसे महीनों तक जंग लड़ना होगा। जो उनकी रणनीति का दूसरा फ़ेज़ है जो लम्बा चलेगा।
इज़राइल को पता है कि हमास के साथ चलने वाला ये युद्ध लम्बा होने वाला है, लेकिन अभी से ही इज़राइल को एक ऐसी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसका आने वाले दिन में कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। दरअसल इज़राइल के पास जंग लड़ने के लिए एक बहुत ही अहम हथियार की कमी होने लगी है।