Israel Hamas War: एक महीने से ज़्यादा का वक़्त बीत चुका है, इज़राइल और हमास के युद्ध में अकेले इज़राइल ने 20 हज़ार टन से ज़्यादा बारूद बरसाए हैं। हर रोज़ हज़ारों की संख्या में इज़राइल ग़ाज़ा में हमास के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए तोप के गोलों का इस्तेमाल कर रहा है।

आधुनिक युद्ध में जिन तोपों का इस्तेमाल होता है, उसमें सबसे ख़तरनाक, लम्बी दूरी तक और सटीक हमला करने वाली तोप 155mm की होती है। इसलिए मौजूदा वक़्त में दुनिया में चल रही दो महाजंग में इस तोप और इस तोप के गोलों की डिमांड सबसे ज़्यादा है।
Israel Hamas War: इजरायल के पास हथियार का स्टाक कम
ग़ाज़ा पट्टी में ग्राउंड ऑपरेशन शुरू करने के साथ इज़राइल लगातार अपनी ग्राउंड फ़ोर्स की मदद करने के लिए और हमास के अंडर ग्राउंड सेंटर्स को निशाना बनाने के लिए लगातार 155mm के गोले से हमलों को अंजाम दे रहा है। लेकिन हमास के साथ जंग शुरू होने से 10 महीने पहले कुछ ऐसा हुआ था जिससे इज़राइल के पास मौजूदा वक़्त में जंग में इस्तेमाल करने के लिए 155mm के गोलों का पर्याप्त स्टॉक नहीं है।
दरअसल जनवरी 2023 में यूक्रेन को 155mm के गोले सप्लाई करने के लिए अमेरिका ने इज़राइल में रखे अपने गोदाम से सप्लाई करने का फ़ैसला लिया। अमेरिका ने 3 लाख गोले यूक्रेन को दे दिए, जिससे इज़राइल में रखा अमेरिका का 155mm के तोप के गोले का स्टॉक ख़ाली हो गया है।
Israel Hamas War: अमेरिका करेगा सप्लाई!
अमेरिका का गोदाम ख़ाली होने का मतलब इज़राइल को अपनी सुरक्षा तैयारी से समझौता करने जैसा है। लिहाज़ा इज़राइल ने उस ख़तरे को भांप लिया। इज़राइल को पता था कि उसके पास तोप के गोलों की कमी हो गई है। और युद्ध शुरू होने के बाद अब 155mm के तोप के गोलों की डिमांड सबसे ज़्यादा है।
- इज़राइल के पास 155mm को गोलों की कमी हो गई है
- अगस्त महीने में इज़राइल ने 155mm के 10 लाख गोलों की ऑर्डर दिया
- हथियार कम्पनी एल्बिट सिस्टम्स 2024 तक ऑर्डर की सप्लाई करेगी
- मौजूदा वक़्त में इज़राइल विदेशी सप्लाई पर निर्भर कर रहा है
- अमेरिका फिलहाल यूक्रेन की 155mm गोलों की ज़रूरत पूरी नहीं कर पा रहा है
- इज़राइल को अगले कुछ हफ़्ते में अमेरिका तोप के गोलों की सप्लाई कर सकता है

Israel Hamas War: अमेरिकी संसद से लगेगी मुहर?
अमेरिका ने साफ़ कर दिया है कि वो यूक्रेन को भेजे जाने वाली सैन्य सप्लाई से निकालकर इज़राइल को 155mm के तोप के गोलों की सप्लाई नहीं करेगा। अमेरिका ने इज़राइल के लिए अलग से बजट की मंज़ूरी लेने के लिए कांग्रेस को प्रस्ताव भेजा है, जिस पर मुहर लगनी बाक़ी है।
ऐसे में मौजूदा वक़्त में इज़राइल के गोदाम में 155mm के गोलों की कमी होने लगी है। और आने वाले कुछ दिनों तक इज़राइल को कहीं से भी 155mm के इन तोप के गोलों की सप्लाई भी नहीं मिलने वाली, जिसकी किसी भी युद्ध में सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है।
- 155mm की तोप और उसके गोले बहुत ही ख़ास होते हैं
- इस गोले का व्यास 155mm का होता है
- हर गोला क़रीब 60cm लम्बा होता है
- एक गोले का वज़न 45kg होता है
- फटने पर इस गोले के 2,000 से ज़्यादा टुकड़े होते हैं
- 2,000 से ज़्यादा टुकड़े होने पर भारी तबाही होती है
- सटीक हमला करने की तकनीक से लैस कर सकते हैं
- ऐंटी टैंक माइन से भी 155mm के गोलों को लैस कर सकते हैं
- एक गोले में 9 ऐंटी टैंक माइन लगाई जा सकती है
- पहले विश्व युद्ध में फ़्रांस ने पहली बार 155mm के गोले का इस्तेमाल किया था
- दूसरे विश्व युद्ध के बाद पूरी दुनिया के लिए 155mm का गोला मानक बन गया
Israel Hamas War: गोला सप्लाई करने में कंपनी असमर्थ!
इज़राइल की मुसीबत ये है कि वो यूरोप और अमेरिका पर 155mm के तोप के गोलों के लिए निर्भर करता है और अमेरिका और यूरोप फिलहाल यूक्रेन की जंग में सप्लाई देने के लिए मजबूर हैं। मुसीबत ये भी है कि अमेरिका में 155mm का गोला तैयार करने वाली दो कम्पनियां एक महीने में महज़ 14 हज़ार गोले ही बना सकती हैं, जबकि यूरोप की कम्पनियों की क्षमता इससे भी कम है।
अमेरिका और यूरोप की कम्पनियां मिलकर भी यूक्रेन की ज़रूरत नहीं पूरी कर पा रही हैं, रूस के पास भी 155mm के गोलों की कमी हो गई है और पश्चिमी मीडिया के मुताबिक़ रूस इन गोलों की कमी पूरी करने के लिए उत्तर कोरिया से सप्लाई ले रहा है। जबकि दक्षिण कोरिया की कम्पनियां जो गोले तैयार कर रही हैं वो अमेरिका और यूरोप के रास्ते यूक्रेन तक पहुंच रही हैं।

अमेरिकी गोदाम खाली हो रहे?
- यूक्रेन हर रोज़ 5 से 6 हज़ार गोले दाग़ रहा है
- रूस हर दिन क़रीब 20 हज़ार राउंड दाग़ रहा है
- इज़राइल भी हज़ारों की संख्या में गोले दाग़ रहा है
- अमेरिका अपने गोदाम में रखे गोले सप्लाई कर रहा है
- यूक्रेन को 155mm के 20 लाख गोले सप्लाई कर चुका है
- यूक्रेन को अमेरिका ने 7,000 सटीक हमला करने वाले 155mm के गोले दिए
- अमेरिका ने यूक्रेन को 155mm के 30 हज़ार ऐंटी टैंक गोले भी दिए
ज़ाहिर है यूक्रेन की मदद करने में ही अमेरिका के गोदाम ख़ाली हो रहे हैं। अमेरिका ने इज़राइल की भी हर क़ीमत पर मदद करने की क़सम खाई है। इसके साथ ही अमेरिका लगातार भरोसा दे रहा है कि यूक्रेन को जाने वाली सप्लाई की वजह से इज़राइल को दी जाने वाली मदद पर फ़र्क नहीं पड़ेगा। लेकिन अभी तक 155mm के गोलों की सप्लाई कब तक होगी, ये साफ़ नहीं हो सका है। इसका मतलब है कि इज़राइल के पास तब तक इन बहुत ही ज़रूरी तोप के गोलों की कमी बनी रहेगी।

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Israel Hamas Conflict: हमास की ‘जानलेवा हठ’, बेबस बेगुनाह
13 दिन हो गए. ग़ाज़ा में इज़राइल का ग्राउंड ऑपरेशन जारी है। अपने ग्राउंड ऑपरेशन से इज़राइल की सेना ने उत्तरी ग़ाज़ा से दक्षिणी ग़ाज़ा का सम्पर्क तोड़ दिया है, लेकिन ग़ाज़ा शहर में इज़राइल की सेना फंस गई है।
- ग़ाज़ा शहर में इज़राइल की सेना को कई तरह के सरप्राइज़ अटैक को झेलना पड़ रहा है। दरअसल ये हमास का होम ग्राउंड है और यहां इसका फ़ायदा उसे मिल रहा है
- हमास के आतंकी घात लगाए हुए हैं और टारगेट के आने का इंतज़ार कर रहे हैं, टारगेट ख़ुद चलकर उनके निशाने पर आ रहे हैं
- वहीं इज़राइल की सेना आम लोगों को बचाने में भी जुटी है, उन्हें आतंकियों का ख़ात्मा करना है लेकिन आम लोगों को नुक़सान नहीं पहुंचाना है, ये भी बड़ी चुनौती है
- वहीं हमास को कोलेटरल डैमेज की ज़रा भी फ़िक्र नहीं है. वे तो लोगों को अपना रक्षा कवच बना रहे हैं, एक ह्यूमन शील्ड की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं
- हमास को अपने शहर का फ़ायदा मिल रहा है, जहां वे बिल्डिंगों में छिपकर, मलबों में छिपकर, घात लगाकर इज़राइल की सेना पर हमला कर रहे हैं
- कंधे पर रखकर चलाए जाने वाले लॉन्चर इज़राइल के लिए सबसे बड़ी मुसीबत हैं, क्योंकि इसके ज़रिए हमास के आतंकी इज़राइल के टैंकों को एक एक कर के बेकार कर रहे हैं
- इसके अलावा गलियों में लैंड माइन बिछा रखी है, हालांकि इज़राइली सेना के इंजीनियर आगे आगे चलकर लैंड माइन्स को क्लियर कर रहे हैं लेकिन कुछ गलियों में इक्यूपमेंट ले जाना संभव नहीं और वहां लैंड माइन बड़ी मुसीबत हैं.
एक ज़िद से तबाह हो रहा है ग़ाज़ा!
इसके अलावा वहां बिछा सुरंगों का जाल एक अलग मुसीबत है, जहां से रह रहकर अचानक अटैक हो रहे हैं। हालांकि, इज़राइल को पहले से पता था कि अगर वो ग़ाज़ा में घुसी तो उसे महीनों तक जंग लड़ना होगा। जो उनकी रणनीति का दूसरा फ़ेज़ है जो लम्बा चलेगा।

इज़राइल को पता है कि हमास के साथ चलने वाला ये युद्ध लम्बा होने वाला है, लेकिन अभी से ही इज़राइल को एक ऐसी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसका आने वाले दिन में कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। दरअसल इज़राइल के पास जंग लड़ने के लिए एक बहुत ही अहम हथियार की कमी होने लगी है।