अतीक़ अहमद की क्राइम फाइल्स जितनी बड़ी है, उससे भी बड़ा उसके काले कारोबार का साम्राज्य है। उसकी क्राइम कुंडली के साथ उसकी प्रॉपर्टी का अंदाजा लगाना भी पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है। जैसे जैसे जांच आगे बढ़ती जा रही है, वैसे वैसे उसकी नई प्रॉपर्टी का पता चलता जा रहा है। आखिर कितनी है अतीक़ की दौलत। अतीक़ अहमद के काले साम्राज्य के तार कहां कहां फैले हैं। ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनको सुलझाने में पुलिस दिन रात जुटी हुई है।
माफ़िया सरगना अतीक़ अहमद, जिसकी दौलत से जुड़े ये ऐसे अनसुलझे सवाल हैं। जो यूपी पुलिस के लिए किसी पहेली से कम नहीं है। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज से लेकर लखनऊ और राजधानी दिल्ली तक अतीक़ ने कई प्रॉपर्टी ख़रीद रखी थी। जिनसे जुड़ी कई अहम जानकारियां यूपी एसटीएफ के हाथ लग चुकी है। जांच में पता चला है कि अतीक़ की जो प्रॉपर्टी सामने आई वो 2,500 करोड़ से भी ज़्यादा है। लेकिन इतनी बड़ी संपत्ति का महज 30 प्रतिशत संपत्ति ही अतीक के परिवार के नाम है। इसका मतलब है कि अतीक़ अहमद की 70 प्रतिशत संपत्ति दूसरों के नाम पर है। फिलहाल पुलिस उसके घर, दफ़्तर और ससुराल से मिले दस्तावेज़ों का आकलन कर रही है।
आने वाले दिनों में अतीक की दौलत ढाई हजार करोड़ से बढ़ भी जाए तो कोई हैरानी नहीं होगी। बताया जा रहा है अगर कोई अतीक़ अहमद से मिलने जेल में आता था। और अगर वो उसको भरोसेमंद लगता था वो उसके नाम भी प्रॉपर्टी ले लेता था। इसलिए अतीक ने 70 फीसदी संपत्ति अपने नौकर, गैंग के लोग और शूटर्स के नाम पर ली थी। हालांकि 2019 के चुनावी हलफ़नामे में उसने अपनी संपत्ति 25 करोड़ बताई थी। लेकिन उसकी ये प्रॉपर्टी कागजों पर थी, जबकि हकीकत में अवैध तरीक़ों से उसने अलग अलग शहरों में हज़ारों करोड़ का साम्राज्य खड़ा किया था। इनमें यूपी के प्रयागराज और लखनऊ के अलावा दिल्ली के शाहीन बाग, बटला हाउस और ओखला इलाक़े में भी प्रॉपर्टी खरीदी थी।
पिछले दो साल में अतीक़ की कई संपत्तियां या तो ज़ब्त कर ली गईं या फिर उनपर बुलडोजर चला दिया गया। शायद यही वजह रही होगी कि वो सीधे अपने या परिवार के नाम के बजाए दूसरे के नाम प्रॉपर्टी जुटा रहा था। अतीक़ के मारे जाने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा हो गया कि क्या शाइस्ता या उसके बेटों को इनकी जानकारी है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले दिनों ऐसी ख़बरें आई थीं कि फरार चल रही शाइस्ता इन्हीं प्रॉपर्टी को अपने नाम करवाने के लिए कई चार्टर्ड एकाउंटेंट के संपर्क में है। चर्चा ये भी है कि अतीक़ और अशरफ के जेल जाने के बाद से गैंग के सारे काले कारोबार शाइस्ता ही संभाल रही थी।
अतीक़ के अंत के साथ ही उसका कुनबा भी बिखर चुका है। उसका बेटा असद एनकाउंटर में मारा गया जबकि खुद उसकी और उसके छोटे भाई अशरफ की हत्या पुलिस की मौजूदगी में हो गयी थी। जबकि बाक़ी लोग या तो जेल में हैं या फरार चल रहे हैं। यानी एक वक़्त जिस प्रयागराज में उसकी तूती बोलती थी आज वहां उसके घर में सन्नाटा पसरा है। अतीक़ अहमद ने पिछले तीन दशक में खूब संपत्ति बनाई, फिर चाहे वो नामी हों और बेनामी। लेकिन जिस संपत्ति और शोहरत के लिए उसने अपराध का रास्ता चुना आज उसे देखने या संभालने वाला कोई नहीं है।