उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही अतीक अहमद की फैमली पर पुलिस कि दबिश जारी है। एक तरफ पुलिस लेडी डॉन शाइस्ता परवीन की तलाश कर रही है। वहीं जांच एजेंसी लगातार अतीक अहमद की अवैध संपत्तियों की भी तलाश कर रही हैं। जांच एजेंसी के हाथ में कुछ ऐसे दस्तावेज लगे हैं, जिससे अतीक अहमद की और 500 करोड़ की अवैध प्रॉपर्टी की जानकारी एजेंसी को लगी है। शासन ने अब तक अतीक अहमद का 1000 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी कुर्क कर चुकी है या फिर उसपर बुलडोजर चल चुका है।
बताया जा रहा है कि जिन 500 करोड़ की बेनामी प्रॉपर्टी की जानकारी मिली है। इनमें से ज्यादातक संपत्ति अतीक ने अपने करीबी बिल्डर और करीबी लोगों के नाम पर खरीदी थी। इसमें श्रावस्ती जिले के भारत-नेपाल बॉर्डर पर बड़े पैमाने पर जमीन में निवेश किया था। इसके अलावा लखनऊ, बहराइच, प्रयागराज, कौशांबी, आगरा, फतेहपुर, गाजियाबाद जिलो में अतीक अहमद ने जमीन में निवेश किया था। अब जांच एजेंसी जमीन की रजिस्ट्री चेक कर उन तमाम लोगों से पूछताछ कर रही है, जिनके नाम पर यह जमीन है। सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर लोग सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार हैं। यही नहीं राजस्थान के भरतपुर और अजमेर में भी काफी तादाद में गद्दी समाज के लोग हैं। यहां भी अतीक अहमद ने अपनी काली कमाई को जमीन में निवेश किया था। बताया जा रहा है कि साबरमती जेल में शिफ्ट होने के बाद भरतपुर और अजमेर में अतीक अहमद ने जमीन में निवेश किया था।
अब राज्य सरकार अवैध संपत्ति को गरीबों के बीच में बांटेगी। CM योगी आदित्यनाथ ने कहा भी है कि “जिसने भी गरीब की संपत्ति हड़पी है। उसे जब्त करके गरीबों के लिए आवास बनाए जाएंगे। राज्य सरकार भ्रष्टाचार और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति से काम करेगी।” ऐसे में जमीन में अपनी अवैध कमाई को निवेश करने वाले माफिया के लिए यह अलर्ट की घंटी है। जिन लोगों की जमीने माफियाओं ने हड़पी है, उनके लिए मुख्यमंत्री का बयान काफी सुकून भरा है।
बाहरहाल, शाइस्ता परवीन और अतीक अहमद की प्रॉपर्टी की जांच एजेंसी कर रही है। उनकी संपत्ति को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। हाल ही में शाइस्ता परवीन का हवाला कनेक्शन सामने आया था। उसके बाद से ही कई बड़े बिल्डर जांच एजेंसी के निशाने पर हैं।