Yevgeny Prigozhin: प्रीगोज़न की मौत के बाद कौन होगा वैगनर ग्रुप का मुखिया? किस देश में तख्तापलट में ग्रुप का था हाथ?

रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के चीफ़ येवगीनी प्रीगोज़न की एक प्लेन क्रैश में मौत हो गई। रूस के मीडिया ने दावा किया कि हादसे में विमान में सवार सभी 10 लोगों की जान चली गई। मारे गए 10 लोगों में वैगनर ग्रुप के चीफ़ येवगिनी प्रीगोज़न, डिप्टी चीफ़ दिमित्री उत्कीन, और वैगनर ग्रुप के पांच टॉप कमांडो समेत 3 क्रू मेंबर शामिल हैं। ये हादसा तब हुआ जब वैगनर चीफ़ प्रीगोज़न विमान से मॉस्को से सेंट पीटर्सबर्ग जा रहे थे।

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Yevgeny Prigozhin: वैगनर ग्रुप के पूर्व चीफ़ येवगिनी प्रीगोज़न की मौत के बाद अब दुनिया की सबसे ख़ूंखार प्राइवेट आर्मी के भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। वॉर एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रीगोज़न के बिना वैगनर समूह का कोई अस्तित्व नहीं रहेगा। क्या वैगनर ग्रुप के लड़ाके अब रूसी सेना में शामिल कर लिए जाएंगे। या फिर पुतिन का कोई खासमखास वैगनर की बागडोर संभालेगा और पुतिन के इशारे पर कहीं भी मरने मारने को अमादा रहेगा। इस रिपोर्ट में पढ़िए।

वैगनर ग्रुप या प्रीगोजन का खौफ?

दुश्मन की मौत का दूसरा नाम वैनगर ग्रुप है। वैगनर ग्रुप का नाम सुनते ही दुश्मन देश की आर्मी का हलक सूख जाता है। और दु्श्मन दिलो दिमाग़ में ख़ौफ़ का दूसरा नाम येवगिनी प्रीगोज़न (Yevgeny Prigozhin) था। प्लेन क्रैश होने के साथ ही अब येवगिनी प्रीगोज़न का ख़ौफ़ ख़त्म हो चुका है, लेकिन वैगनर ग्रुप का नहीं। इस ख़ूंखार प्राइवेट आर्मी का ख़ौफ़ अब भी क़ायम है और रूस कभी नहीं चाहेगा कि उसके दुश्मनों के दिलो दिमाग में वैनगर ग्रुप का ख़ौफ़ कम हो या ख़त्म हो।

बग़ावत के बाद से ही प्रीगोज़न को मौत का डर सता रहा था। अब प्रीगोज़न (Yevgeny Prigozhin) की संदिग्ध मौत के बाद ये दावा किया जा रहा है कि प्रीगोज़न की मौत के पीछे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हाथ हो सकता है। इस बीच अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के प्रमुख विलियम बर्न्स का एक पुराना बयान भी काफी चर्चा में है, जिसमें उन्होंने प्रीगोज़न और पुतिन को लेकर कई बड़े खुलासे किए थे। अब विलियम बर्न्स का हर एक दावा धीरे-धीरे सच साबित होता नजर आ रहा है।

US ने पहले ही हत्या का अंदेशा जताया था

विलियम बर्न्स ने दो महीने पहले भविष्यवाणी की थी कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, वैगनर के बॉस प्रीगोज़न (Yevgeny Prigozhin) से बदला लेने में अपना समय नहीं लेगें। जुलाई में एस्पेन सिक्योरिटी फोरम में बर्न्स ने कहा था कि हम जो देख रहे हैं वो बहुत ही उलझा हुआ समीकरण है। पुतिन बदला लेने के अपने ट्रैक रिकॉर्ड से पीछे नहीं हटने वाले हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि पुतिन ऐसे व्यक्ति हैं जो आम तौर पर सोचते हैं कि बदला एक ऐसा व्यंजन है जिसे ठंडा परोसा जाना चाहिए। मेरे अनुभव में, पुतिन बदला चुकाने के सिद्धांत को पूरी शिद्दत से निभाते हैं। इसलिए मुझे आश्चर्य होगा अगर प्रीगोज़न आगे उनके प्रतिशोध से बच जाएं।

रूस में विद्रोह के बाद से ही प्रीगोज़न (Yevgeny Prigozhin) गुमनामी में जी रहे थे। विद्रोह के एक महीने तक तो प्रीगोज़न का कुछ पता नहीं चला था। इसके बाद बेलारूसी राष्ष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा कि प्रीगोज़न उनके देश में नहीं है और वो वापस रूस चले गए हैं। उसके रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की भी खबरें थी। इसके बाद जब अफ्ऱीकी देश नाइजर में तख्तापलट हुआ तो प्रीगोज़न का बयान सुनने को मिला। एक ऑडियो संदेश में प्रीगोज़न की आवाज़ में सुना गया कि वो नाइजर में हुए तख्तापलट का समर्थन कर रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने नाइजर में वैगनर ग्रुप की सर्विस का भी ऑफ़र दिया और पश्चिमी देशों को खू़ब फटकारा। हालांकि, इस ऑडियो की आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी।

प्रीगोजन सहित कई कमांडो की मौत

प्रीगोज़न की मौत जिस प्लेन क्रैश में हुई, उसमें वैगनर समूह के कई वरिष्ठ सदस्य भी शामिल थे। इस विमान में प्रीगोज़न के साथ उसका सबसे करीबी सहयोगी और वैगनर समूह में नंबर दो का नेता दिमित्री उत्कीन भी मौजूद था। दिमित्री उत्कीन रूसी खुफिया एजेंसी जीआरयू का पूर्व अधिकारी था, जो बाद में वैगनर में शामिल हो गया। उत्कीन के ज़िम्में सीरिया में तेल क्षेत्रों की रखवाली का काम था। वो वैगनर विद्रोह में भी शामिल था, जिसमें लड़ाकों ने मॉस्को की ओर कूच करने की कोशिश की थी। वैगनर से जुड़े रूसी सोशल मीडिया चैनलों की रिपोर्ट से पता चलता है कि वैगनर के नेतृत्व के अन्य सदस्य भी उड़ान में रहे होंगे। ऐसे में अब वैगनर समूह के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं।

बग़ावत के बाद वैगनर समूह में अब भी कम से कम 25 हजार लड़ाके मौजूद हैं, जो हथियार चलाने में माहिर हैं। प्रीगोज़न की मौत के बाद रूस इनका इस्तेमाल एक बार फिर यूक्रेन युद्ध में कर सकता है। दरअसल, प्रीगोज़न (Yevgeny Prigozhin) की रूस के साथ दुश्मनी वैगनर लड़ाकों को रूसी सेना का हिस्सा बनाने से शुरू हुई थी। रूस चाहता था कि वैगनर समूह का हर एक लड़ाका रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करे। लेकिन, प्रीगोज़न इसके सख्त खिलाफ थे और उन्होंने कई बार रूसी अधिकारियों को चेतावनी भी दी थी। अब उसकी मौत के बाद माना जा रहा है कि रूस सभी वैगनर लड़ाकों को कॉन्ट्रैक्ट के अधीन रखेगा और उनका इस्तेमाल अपने फ़ायदे वाली जगहों पर करेगा। यानी की ख़ूंखार वैगनर ग्रुप अब पुतिन के हाथों की कठपुतली बन सकता है।

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Yevgeny Prigozhin: कौन था येवगिनी प्रीगोज़न?

  • प्रीगोज़न का जन्म 1 जून 1961 में हुआ था
  • रूस के लेलिनग्राद (सेंट पीटर्सबर्ग) में जन्मे थे प्रीगोज़न
  • प्रीगोज़ीन ने प्राइमरी एजुकेशन के बाद खेल अकादमी जॉयन की
  • 20 साल की उम्र में वॉन्टेड क्रिमिनल बन गए प्रीगोज़न
  • प्रीगोज़न को कोर्ट ने 13 साल की सज़ा सुनाई
  • बाद में रूस के बड़े बिजनेसमैन के रूप में पहचान बनाई
  • पुतिन से नज़दीकी बढ़ने के बाद प्रीगोज़न ताक़तवर बन गए
  • 8 ख़रब से ज़्यादा की संपत्ति के मालिक थे प्रीगोज़न
  • साल 2014 में प्रीगोज़न ने वैगनर ग्रुप की स्थापना की

Yevgeny Prigozhin: प्रीगोज़न का उत्तराधिकारी कौन?

  • नया वैगनर चीफ़ नियुक्त करेंगे पुतिन
  • आंद्रेई ट्रोशेव हो सकते हैं नए वैगनर चीफ़
  • आंद्रेई ट्रोशेव पुतिन के बहुत क़रीबी हैं
  • वैगनर ग्रुप पर आंद्रेई ट्रोशेव की अच्छी पकड़
  • वैगनर ग्रुप में अभी 25 हज़ार लड़ाके
  • आंद्रेई ट्रोशेव के नाम पर मुहर अभी बाक़ी
  • रूस को वैगनर जैसे ट्रेंड लड़ाकों की ज़रूरत
  • वैगनर ग्रुप ने ही पुतिन के लिए बख़मूत जीता

Yevgeny Prigozhin: अगला नंबर किसका?

  • प्रीगोज़न की मौत से वैगनर ग्रुप में हड़कम्प
  • येवगीनी प्रीगोज़न के साथी डरे हुए हैं
  • जो बग़ावत में साथ थे उन्हें ख़तरा है
  • पूर्व जनरल सर्गेई सुरेविकिन को डर
  • रूस के एयरोस्पेस चीफ़ थे सुरेविकिन
  • प्रीगोज़न का साथ देने का आरोप
  • सर्गेई सुरेविकिन की कोई ख़बर नहीं

पुतिन के कितने ख़ास थे प्रीगोज़न ?

  • पुतिन के सबसे भरोसेमंद लोगों में से एक थे प्रीगोज़न
  • पुतिन से प्रीगोज़न की अच्छी दोस्ती थी
  • प्रीगोज़न को पुतिन अपना ख़ास दोस्त मानते थे
  • यूक्रेन युद्ध में पुतिन ने बड़ी ज़िम्मेदारियां दी थीं
  • सीरिया मोर्चे पर भी प्रीगोज़न को भेजा गया था
  • क्रायमिया पर क़ब्ज़ा करने के दौरान दी थी बड़ी ज़िम्मेदारी
  • 2014 में रूस की ओर से पूर्वी डोनबास में भेजा गया था

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