Umesh Pal Murder: अतीक़ गैंग के नए कोड वर्ड आए सामने, ‘बड़े’, ‘छोटे’ और ‘बिहार टावर’ से उलझी जाँच

उमेश पाल मर्डर में पुलिस की जांच जारी है। इसी बीच अतीक अहमद के घर से एक डायरी बरामद हुई है। जिससे कई राज खुलने लगे हैं। इसमें उमेश पाल की हत्या से पहल की कई ऐसी बातें लिखी हुई हैं, जो हत्या की कड़ी दर कड़ी खोल रही है।

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उमेश पाल केस की पड़ताल में जुटी पुलिस जैसे जैसे आगे बढ़ रही है वैसे वैसे चौंकाने वाली कड़ियां सामने आ रही हैं। अतीक़ अहमद के घर से मिली डायरी में पिछले हफ़्ते पुलिस को कई कोड वर्ड मिले थे। जब उस डायरी के कुछ और पन्ने पलटे गए तो कोड वर्ड का नया मकड़जाल सामने आ गया। मतलब पुलिस इस केस की एक पहेली सुलझाने के क़रीब पहुंचती ही है कि तब तक दूसरी पहेली सवाल बनकर सामने आ जाती है। 

प्रयागराज में हुई थी उमेश पाल की हत्या
प्रयागराज में हुई थी उमेश पाल की हत्या

अतीक गैंग की डायरी मिली

उमेश पाल केस की साज़िश से जुड़े ये वो कोड वर्ड हैं जो अतीक़ अहमद के घर मिली डायरी में लिखे नज़र आए। अतीक़ गैंग की इस डायरी के पन्ने जब पुलिस ने पलटे तो इस प्लान के एक एक नाम, एक एक किरदार सामने आ गए। ये तो सबको पता चल चुका है कि उमेश पाल की हत्या से पहले सभी शूटरों को आईफोन दिए गए थे। लेकिन अगर किसी को कोई बात करनी होगी तो वो बात कैसे करेंगे? उनके नाम असली होंगे या नक़ली? क्या इसके लिए भी पहले से कोई प्लैनिंग की गई थी? पुलिस को इन सभी सवालों के जवाब अतीक़ गैंग की इस डायरी से मिल गए। 

अतीक, अशरफ और असद
अतीक, अशरफ और असद

गुर्गों को दिए थे आईफोन

साबरमती जेल में बंद अतीक़ ने अपने भाई अशरफ़, बेटे असद और हत्याकांड में शामिल अपने सभी गुर्गों को आईफोन के साथ एक खास कोड दिया था। ख़ुद अतीक़ के पास जेल में तीन आईफोन थे। सभी आरोपी फेस टाइम पर इन्हीं कोड नाम से आईडी बनाकर बात करते थे। कत्ल से पहले सभी शूटरों के कोड बनाने में भी इस बात का ख़ास ख्याल रखा गया था कि पुलिस को इस साज़िश की भनक तक ना लग सके।

GUDDU MUSLIM
GUDDU MUSLIM

अतीक़ गैंग के नए कोड वर्ड 

अतीक़ अहमद  का BADE-006 ID और कोड वर्ड माफ़िया सरगना का था।  जबकि CHOTE-007 नाम अशरफ़ को दिया गया था। Ansh_yadav00 कोड वर्ड अतीक़ के बेटे असद के लिए था। तो वहीं उमेश पाल की रेकी करने वाले आरोपी नियाज के लिए XYZZ1122 नाम तय किया गया था।  Bihar Tower कोड शूटर अरमान को दिया गया था। जबकि Advo010 नाम अतीक के वकील ख़ान सौलत हनीफ का था। लेकिन पुलिस को एक चौंकाने वाला कोड और पता चला है। Patle- 009 ये कोड नेम अतीक के जेल में बंद बेटे अली का था।  

अतीक और अशरफ
अतीक और अशरफ

डायरी में लिखे इस कोड से ये साफ़ है कि उमेश पाल हत्याकांड के दौरान अतीक़ का दूसरा बेटा अली भी बाक़ी आरोपियों के साथ संपर्क में था। सभी आरोपी I-phone के face time पर इन्हीं कोड वाली ID का इस्तेमाल कर एक दूसरे से लगातार हत्याकांड से पहले और बाद में एक दूसरे से बातचीत कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक़ अतीक़ ने उमेश पाल के मर्डर के तुरंत बाद अपने आईफोन से घर पर बात कर मुबारकबाद दी थी।

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