24 फरवरी 2022 के बाद से रूस और यूक्रेन में युद्ध जारी है। इन एक साल में तबाही का भयावह मंजर देखने को मिला है। यूक्रेन पूरी तरह से तबाह हो चुका है। इस दौरान कई देशों ने युद्ध खत्म कराने की असफल कोशिशें की। लेकिन युद्ध की तबाही अबतक जारी है। इसी बीच चीन ने अपने देश में युद्ध की वजह से नए नियम लागू किए।
चीन ने बीजिंग में मौजूद दूसरे देशों के दूतावासों में किसी भी तरह के राजनीतिक संदेश लिखने पर भी पाबंदी लगा दी। दावा है कि ये फ़ैसला चीन ने इसलिए लिया क्योंकि कई देशों को दूतावासों में यूक्रेन के समर्थन के नारे लिखे गए थे। जो चीन को बिल्कुल भी रास नहीं आया।

आरोप है कि इसी वजह से चीन ने बीजिंग में मौजूद दूतावासों को एक चिट्ठी लिखी। और ये साफ़ कर दिया कि उसके देश में किसी भी तरह का राजनीतिक प्रॉपगैंडा फैलाने की कोशिश ना करें। हालांकि आरोप ये लगाया जा रहा है कि चीन ने ये फ़ैसला रूस से अपनी दोस्ती की वजह से लिया है।
ये बात पूरी दुनिया जानती है कि चीन ने भले ही शांति का राग अलाप रहा हो, पर वो अंदर ही अंदर रूस की भरपूर मदद कर रहा है। यही वजह है कि वो किसी भी क़ीमत पर अपने देश में यूक्रेन का समर्थन करने वाले लोग नहीं चाहता।