बॉर्डर पर चीन की बड़ी साजिश नाकाम, भारत ने उतार दी सबसे बड़ी और भयंकर फौज, आसियान देशों ने भी चीन को दिखाई औकात

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चीन डोकलाम में फिर किसी बड़ी साज़िश की फ़िराक़ में है। एक ख़ुफ़िया रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन डोकलाम में कुछ बड़ा करने की तैयारी में जुटा है। उस ख़ुफ़िया रिपोर्ट के मुताबिक़ इसी कड़ी में चीन ने डोकलाम में अपने और 1,200 सैनिकों को तैनात कर दिया। इससे पहले 2017 में चीन ने डोकलाम में सड़क बनाने की कोशिश की थी। लेकिन तब भारतीय सेना ने चीन को सड़क बनाने से रोक दिया था। जिसके बाद आगबूबला हुए चीन ने भारत से टकराने की भी कोशिश की थी।उस दौरान 70 से ज़्यादा दिनों तक चले गतिरोध के बाद उसने अपनी सेना को पीछे खींच लिया था।

यही बात उसे अब तक रह रह कर चुभ रही है। ख़ुफ़िया रिपोर्ट के मुताबिक़ इसीलिए चीन डोकलाम में अपनी सेना की ताक़त को लगातार बढ़ा रहा है। ताकि अगर भविष्य में कभी भारतीय सेना से सामना हो तो उसे चोट पहुँचाई जा सके। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक़ इसीलिए चीन अब डोकलाम के ऊँचाई वाले इलाक़ों में अपनी सेना को मज़बूत करने में जुटा हुआ है। ख़ुफ़िया रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन ने डोकलाम में अपना सर्विलेंस‌ सिस्टम भी मज़बूत किया है। ख़बर है कि भारतीय सेना पर निगरानी रखने के लिए दो ख़ास सर्विलेंस सिस्टम लगाए हैं। इतना ही नहीं दावा है कि चीन ने ज़्यादा दूरी तक नज़र रखने में सक्षम कैमरे भी लगाए हैं।

चीन की तैयारियों को देखते हुए भारतीय सेना भी पूरी तरह से अलर्ट हो गई। भारतीय सेना ने LAC पर तवांग में ऊँचाई वाले इलाक़े में अपनी तैयारियों को परखा। उसके बाद एक युद्धाभ्यास किया। जिसमें दुश्मन की फ़ौज को कैसे ढेर किया जाए इसकी तैयारी की गई। भारतीय सेना ने नक़ली दुश्मन पर असली हमला किया और तोप से ताबड़तोड़ गोले बरसाए। भारतीय सेना ने दुश्मन के इलाक़े में घुसकर उसे ढेर करने का अभ्यास किया। इसके साथ ही हथियारों की ताक़त को भी परखा।

सैनिकों ने ज़्यादा ऊँचाई वाले इलाक़े में अपनी तैयारियों में धार दी। ऊँचाई वाले इलाक़ों में जंग लड़ना सबसे मुश्किल होता है। इसीलिए भारतीय जवानों ने ऊँचाई पर छिपे दुश्मन को ढेर करने का अभ्यास किया। ताकि अगर भविष्य में चीन से जंग छिड़े तो उसे मुहंतोड़ जवाब दिया जा सके। डोकलाम में चीन अपनी ताक़त बढ़ा रहा है तो भारत भी हाथ पर हाथ रखकर बैठा नहीं है। बीते कुछ महीने से भारतीय सेना लगातार अपनी ताक़त को परख रही है।

इसी साल जनवरी में सेना ने त्रिशक्ति प्रहार नाम का युद्धाभ्यास किया था, जिसमें सभी तरह के नए और पुराने हथियारों का इस्तेमाल किया गया। उस युद्धाभ्यास में फ़ाइटर जेट रफ़ाल और चिनूक हेलिकॉप्टर को भी शामिल किया गया था। जबकि T 90 टैंक के अलावा कई दूसरे घातक टैंकों से भी जवानों ने हमले का अभ्यास किया था। चीन LAC पर कब क्या कर दे इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। इसीलिए भारत पूरी तरह से अलर्ट रहना चाहता है। चीन की सेना भारत की जासूसी से भी बाज़ नहीं आ रही।

7 और 8 मई को दक्षिण चीन सागर में पहली बार आसियान देशों के साथ मिलकर भारत ने युद्धाभ्यास किया। जिसमें फ़िलीपींस, इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया, थाइलैंड, ब्रुनेई और वियतनाम के युद्धपोतों ने हिस्‍सा लिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ चीन की नौसेना ने समंदर में इस युद्धाभ्यास की जसूसी करने की कोशिश की। ख़बर के मुताबिक़ चीन के जहाज़ और उसके एयरक्राफ़्ट दक्षिण चीन सागर में मौजूद थे। हालांकि दावा है कि इससे युद्धाभ्यास पर कोई फर्क नहीं पड़ा। क्‍योंकि चीन के एयरक्राफ़्ट अभ्‍यास में शामिल जंगी जहाज़ों के क़रीब नहीं आ सके।

इस युद्धाभ्यास से चीन आगबूबला हो उठा और डोकलाम में सेना को और ज़्यादा ताक़तवर बनाने में जुट गया। भारत से तो उसके रिश्ते तनावपूर्ण हैं हीं, साथ ही कई आसियान देशों के साथ भी उसके रिश्ते लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इसके ठीक उलट भारत युद्धाभ्‍यास के ज़रिए इन देशों के क़रीब होता जा रहा है। भारत इन देशों के साथ रक्षा संबंध भी मज़बूत करने में जुटा है। चीन को ये बात बहुत अच्छे से पता है कि अगर उसके दुश्मन देश भारत के साथ खड़े हो जाएंगे तो आने वाले दिनों में उसकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

भारत ने अभी से चीन की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि राजस्थान के नागौर ज़िले में लिथियम का बहुत बड़ा भंडार मिला है। इस भंडार से देश की 80 प्रतिशत लिथियम की मांग पूरी की जा सकती है। लिथियम के बाज़ार में अभी चीन का काफ़ी दबदबा है। वो कई देशों को लिथियम बेचता है। लेकिन अब भारत भी दूसरे देशों को लिथियम बेचने में कामयाब हो सकेगा। यही बात चीन की टेंशन बढ़ा रही है। क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो लिथियम बाज़ार पर चीन का एकाधिकार ख़त्म हो जाएगा, जो उसके लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा

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