ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने चेतावनी दी कि IMF से अगर पाकिस्तान को लोन नहीं मिला तो जून तक उसकी तबाही तय है। दूसरे देशों को आर्थिक संकट से उबारने वाली संस्था IMF यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक दिन पहले ही पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। उसने पाकिस्तान की तरफ़ से शर्तों को पूरा करने वाले दावों को ख़ारिज कर दिया। पाकिस्तान ने ये दावा किया था कि वो IMF से बेलआउट पैकेज लेने के लिए उसकी सभी शर्तों को पूरा कर रहा है। लेकिन IMF उससे सहमत नहीं हुआ। उसने पाकिस्तान की चोरी पकड़ ली।
ये दावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और उसके वित्त मंत्री इशाक डार ने किया था। इस बीच ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने चेतावनी दी कि अगर IMF ने लोन नहीं दिया तो पाकिस्तान जून तक डिफ़ॉल्टर घोषित हो सकता है। उसके पास विदेशी मुद्रा भंडार ख़त्म होने की कगार पर है। अगर जल्द ही पाकिस्तान को मदद नहीं मिली तो उसकी बर्बादी को कोई नहीं रोक पाएगा। जून के बाद अगर पाकिस्तान डिफ़ॉल्टर घोषित हो गया तो फिर उसपर किसी को भी भरोसा नहीं रहेगा।
पाकिस्तान में पहले ही कई फ़ैक्टरियों पर ताले लटक चुके हैं। वहां के कारोबारी देश छोड़कर विदेश भाग रहे हैं। जिनके पास भागने के भी पैसे नहीं हैं वहीं पाकिस्तान में किसी तरह अपनी ज़िन्दगी बिता रहे हैं। क्योंकि ख़राब आर्थिक नीतियों की वजह से पाकिस्तान कंगाल हो चुका है। वो महंगाई के साथ साथ आतंकवाद से भी बुरी तरह जूझ रहा है। पाकिस्तान में इन दिनों गृह युद्ध जैसे हालात हैं। लोग अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर चुके हैं। जिसकी वजह से पाकिस्तान का संकट और गहरा सकता है। मूडीज़ ने ये चेतावनी ऐसे वक़्त में जारी कि है जब वहां पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी पर बवाल मचा हुआ है। जानकारों का मानना है कि इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी से पाकिस्तान की शहबाज़ शरीफ़ सरकार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। IMF के दबाव में पाकिस्तान सरकार जो कड़े फ़ैसले लागू कराना चाहती है वो भी नहीं कर पाएगी। जिसका नतीजा ये होगा कि IMF उसे लोन देने से साफ़ इनकार कर देगा।
पाकिस्तान की ही तरह बांग्लादेश पर भी आर्थिक संकट के बादल छाने लगे हैं। इस मुद्दे पर IMF की एक टीम ने 25 अप्रैल से 7 मई तक बांग्लादेश की राजधानी ढाका का दौरा किया था। इस दौरे के बाद IMF की टीम ने माना कि पाकिस्तान की तरह ही बांग्लादेश भी आर्थिक संकट का सामना कर सकता है। बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार भी लगातार घट रहा है। पिछले 6 साल में वहां विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
IMF के मुताबिक़ बांग्लादेशी टका के लगातार गिरने की वजह से ये समस्या खड़ी हो रही है। अगर जल्द ही बांग्लादेश की सरकार ने इसपर ठोस क़दम नहीं उठाए तो वहां के भी हालात बिगड़ सकते हैं। यही परेशानी मिस्र को भी झेलनी पड़ सकती है जो इन दिनों भयंकर आर्थिक मंदी के दौर से गुज़र रहा है। मिस्र में बढ़ती महंगाई की वजह से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।
जबकि IMF ने इसी साल मिस्र को संकट से उबारने में बड़ी मदद की थी। उसने जनवरी में ही मिस्र को अलग से 300 करोड़ डॉलर यानी भारतीय रुपयों में क़रीब 25,000 करोड़ दिए थे। लेकिन इस रक़म से भी मिस्र के हालात नहीं सुधरे। वहां महंगाई चरम पर है। मिस्र का पाउंड डॉलर के मुक़ाबले लगातार गिर रहा है। जिससे निटपने में वहां की सरकार नाकाम रही है। इसी वजह से मिस्र में ग़रीबी बढ़ती जा रही है और लोगों के सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है।