अतीक और अशरफ हत्या में गिरफ्तार शूटर से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। एसआईटी की पूछताछ में लवलेश के कई क़बूलनामे टीम के गले से नीचे नहीं उतर रहे हैं। एसआईटी के मुताबिक लवलेश तिवारी अतीक अहमद की गैंग में शामिल होना चाहता था। गैंग में शामिल होने के लिए लवलेश अतीक अहमद से मिलने प्रयागराज भी गया था और चकिया स्थित अतीक अहमद के ऑफिस पहुंचा था। हालांकि उस वक्त अतीक अहमद ने उसे बच्चा समझकर गैंग में शामिल करने से मना कर दिया।

अतीक़ का क़ायल था ‘क़ातिल’!
माफिया अतीक का लवलेश को मना करना खटक गया और वो अतीक से भी बड़ा माफिया बनने की तैयारी करने लगा। लवलेश को छोटे मोटे अपराध कर जब शौहरत नहीं मिली तो उसने अतीक अहमद को ही मारने की साजिश रची और उसमें कामयाब भी हुआ। लवलेश ने पूछताछ में अब तक इस बात का संतोषजनक जवाब नहीं दिया है कि उसने किसकी शह पर अतीक अहमद की हत्या की। उसके पास लाखों रुपए की जिगाना पिस्तौल कहां से आई और कैसे वो अतीक के करीब पहुंचा।

‘IS 227’ का सदस्य बनना था सपना
लवलेश ने पूछताछ में बताया कि चकिया में वो अतीक अहमद का रुआब देखकर दंग रह गया था। अतीक़ अपने दफ़्तर में सोफ़े पर बैठा था और उसके आस पास उसके गुर्गे बंदूक़ लिए उसकी सुरक्षा में तैनात थे। उस वक्त कई बड़े बड़े कारोबारी और दूसरे लोग अतीक़ के सामने ज़मीन पर बिछी दरी पर बैठा करते थे। लवलेश अतीक के बेटे असद से भी मिला और उसके जैसा बनने की इच्छा जताई थी। लवलेश ने इस बात को कबूला है कि उसने इस हत्या के लिए हमीरपुर के सनी सिंह को मनाया था। लवलेश को अतीक के गैंग IS 227 में शामिल नहीं होने की कोफ्त को खाए जा रही थी। जिसकी वजह से वह बड़ा माफिया बनने की चाह ने उसे बेचैन कर दिया था। इसलिए उसने अतीक और अशरफ की हत्या कर नाम कमाने की कोशिश की।