क्रेमलिन पर हमले की ख़बर सामने आते ही रूस में हड़कम्प मच गया। रूसी पार्लियामेंट ने जेलेंस्की पर हमले का आदेश दे दिया। यूक्रेन के राष्ट्रपति जलेंस्की के साथ ही उनके घर पर मिसाइल अटैक करने का फरमान सुना दिया गया। रूस की संसद के अध्यक्ष ने कहा कि इस हमले के जवाब में कीव में जेलेंस्की के घर पर ही मिसाइल दागी जाए। यूक्रेन सहित उसके सहयोगी देशों को मुंहतोड़ जबाव दिया जाए।
उन्होंने कीव को पूरी तरह से बर्बाद करने के लिए विध्वंसक हथियारों के इस्तेमाल की मांग की। रूसी संसद के अध्यक्ष ने इस हमले को आतंकवादी हमला बताया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या करने के उद्देश्य से ड्रोन हमला करने का आरोप लगाया।
रूसी संसद के अध्यक्ष के गु्स्सा की साफ़ वजह भी है, क्योंकि क्रेमलिन परिसर में ही रूस की पार्लियामेंट की इमारत भी है, जहां ड्रोन से हमला हुआ है। दावा है कि रूस के रडार वारफेयर सिस्टम ने इन दोनों ड्रोन को उस समय टारगेट किया। जब ये क्रेमलिन परिसर के ठीक ऊपर पहुंच गए थे। इस दौरान इन दोनों ड्रोन पर स्ट्राइक की गई। जिससे ये क्रैश होकर रूसी पार्लियामेंट की इमारत पर गिर गए। रूस की संसद की इसी बिल्डिंग से पुतिन का क्रेमलिन पैलेस महज़ 300 मीटर की दूरी पर है।
जिस क्रेमलिन पर ड्रोन से हमला हुआ है, उस परिसर में कुल 15 इमारतें और 20 टावर हैं। इस परिसर के चारों तरफ़ 21 फ़ीट चौड़ी दीवार है। क्रेमलिन परिसर में ही रूस की संसद, पुतिन का आधिकारिक आवास, कार्यालय और कई महत्वपूर्ण इमारतें हैं। यहीं पर ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस हैं, जिसमें 700 से ज़्यादा कमरे हैं। इनमें पुतिन का एक स्पेशल अपार्टमेंट भी हैं, जहां वह अपना ज्य़ादातर समय बिताते हैं। इससे पहले 1942 में क्रेमलिन पर आखिरी बार हमला हुआ था। उस समय हिटलर के आदेश पर जर्मनी की सेना मॉस्को पहुंच गई थी और सैनिकों ने क्रेमलिन पर हमला बोल दिया था। इस हमले को रूस ने अपनी संप्रभुता पर हमला माना था।