Tihar Jail Secutity: ऐक्टिव हुआ तिहाड़ का छापेमारी दस्ता, तिहाड़ में नए ‘हथियार’ से पहरा

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Tihar Jail Secutity: कहते हैं कि अपराधी और पुलिस के बीच चूहे और बिल्ली का खेल कभी खत्म नहीं होता। चाहे अपराधी जेल की चहारदीवारी के अंदर ही क्यों ना हो। जेल प्रशासन ने तिहाड़ की सुरक्षा में एक अदृश्य किलोबंदी की थी। ताकि जेल के अंदर का मैसेज बाहर और बाहर का मेसेज अंदर ना जा सके। लेकिन तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टरों ने इसका भी काट निकाल लिया

Tihar Jail Secutity: जेल को अंदर गैंगवार

देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक तिहाड़ जेल है। जिसकी सुरक्षा को लेकर दावा किया जाता है कि यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता। लेकिन बाहर से सुरक्षित ये जेल (Tihar Jail Secutity) क्या अंदर से भी उतनी ही सुरक्षित है? इस सवाल का जवाब शायद ही कोई जेल का अधिकारी हां में दे पाए। क्योंकि हाल ही में तिहाड़ जेल के अंदर से गैंग वॉर की जो तस्वीरें सामने आईं, उसने पूरे देश को सन्न करके रख दिया।

कुछ बड़े सवाल

  • अब सवाल है कि तिहाड़ के अंदर बाहर का मैसेज कैसे पहुंचता है?
  • जेल के अंदर से गैंगस्टरों का ऑर्डर बाहर कैसे पहुंचता है?
  • क्या जेल में गैंगस्टर जैमर के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं?

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Tihar Jail Secutity:स्टाफ और कैदी में मिलीभगत

तिहाड़ जेल (Tihar Jail Secutity) में बीते कुछ महीनों से कैदियों के बीच मोबाइल फोन पर जबरदस्त पहरा लगा है। लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद तिहाड़ जेल का अंदरूनी सिस्टम फेल होता दिखा। इसकी अलग अलग वजह सामने आई। जेल के कुछ स्टाफ की भूमिका काफी संदिग्ध मानी गई। कैदी जेल स्टाफ की मिलीभगत भी सामने आई। जिसकी वजह से किसी न किसी बहाने से जेल के अंदर मोबाईल फोन पहुंचता रहा।

लेकिन अब जो नई रणनीति बनाई गई है। उसमें अगर किसी कैदी के पास मोबाइल फोन पहुंच भी जाता है, तो वो सीसीटीवी कैमरों से बच नहीं सकता। मोबाइल फोन या उसके इनपुट मिलने पर जेल का छापेमारी दस्ता फौरन ऐक्टिव हो जाएगा। पूर्व पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि समय समय पर जेल में ऐसी छापेमारी और इस्पेक्शन ज़रूरी है।

Tihar Jail Secutity :पुराने जेल स्टाफ का ट्रांसफर

वैसे जेल के अंदर सख्ती बरतने के बावजूद कैदी कई बार तमाम इंतज़ामों (Tihar Jail Secutity) से दो कदम आगे दिखते हैं। मतलब तू डाल डाल…तो मैं पात पात…। पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि मोबाइल फोन को जेल के अंदर लाने के लिए कैदी जो तिकड़म अपनाते हैं, उसे जानने और समझने में पुलिसवालों को महीनों लग जाता है।

मोबाइल फोन के लिए कैदियों पर निगरानी रखने के साथ ही अब उन जेल स्टाफ पर भी ऐक्शन हो रहा है, जो लंबे समय से तिहाड़ जेल में टिके थे। ऐसे ज्यादातर पुराने जेल स्टाफ का ट्रांसफर किया गया है।

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तिहाड़ में 5 महीने में 5 बदलाव

पहला बदलाव
तिहाड़ की 16 जेलों में QRT तैनात

दूसरा बदलाव
3T HCBS जैमर का इस्तेमाल

तीसरा बदलाव
30 गैंगस्टर और इनके गुर्गों को किया शिफ़्ट

चौथा बदलाव
प्रिज़न ऐक्ट में संशोधन के लिए दिल्ली सरकार को लेटर
बंद क़ैदियों को दूसरे राज्य में शिफ़्ट किया जा सकेगा

पांचवां बदलाव
तिहाड़ जेल परिसर में नेट बर्ड भी लगा

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