महायुद्ध के एक साल पूरा होने पर यूक्रेन ने चौंका देने वाला दावा किया है। यूक्रेन के मिलिट्री इंटेलिजेंस ने कहा है कि जंग में रूस की हालत बुरी हो गई है। दावा है कि रूस के पास गोला बारूद के भंडार जल्द ख़त्म होने वाले हैं। यूक्रेन के मिलिट्री इंटेलिजेंस के दावों के बाद पुतिन पर सवाल खड़े हो गए हैं।
यूक्रेन के सैन्य खुफ़िया प्रमुख किरीलो बुडानोव ने एक इंटरव्यू में रूस के हथियारों के ज़ख़ीरे को लेकर बड़ा दावा किया। किरीलो बुडानोव के मुताबिक़, रूस के सैन्य साजो सामान जल्द ख़त्म हो जाएंगे। रूस के जवानों के पास गोला-बारूद की कमी हो गई है और जल्द ही लड़ाई लड़ने के लिए उनके पास हथियार और गोला-बारूद की क़िल्लत हो जाएगी। किरीलो बुडानोव ने इसके पीछे की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध के दौरान पुतिन ने जवानों और सैन्य साजो सामान को भारी तादाद में बर्बाद किया
पुतिन के लिए एक और बुरी ख़बर सामने आई है। जर्मनी ने चीन को साफ साफ लहज़ों में चेतावनी दी है। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने एक इंटरव्यू में कहा है कि अगर चीन महायुद्ध में रूस को हथियार और गोला बारूद भेजा तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इससे पहले ओलाफ़ शॉल्ज़ ने बीजिंग से मॉस्को की मदद नहीं करने की अपील की थी। लेकिन इस बार ओलाफ शोल्ज ने सीधे-सीधे शी को चेतावनी दे डाली है। उन्होंने कहा कि वे काफी आशावादी हैं कि बीजिंग ऐसा करने से परहेज करेगा।
इसके साथ ही शोल्ज ने बीजिंग को एक नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि चीन मॉस्को को हथियार देने के बजाय रूस पर यूक्रेन से अपने सैनिकों को वापस लेने के लिए दबाव डालने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग करे। ओलाफ शोल्ज के सख़्त लहजे के पीछे की वजह ये है कि जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। और चीन हाल के कुछ सालों में इसका सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा है।