Odisa Train Accident: 4 दशकों में अबतक का सबसे बड़ा ट्रेन हादसा, रेलवे ने जांच के लिए इन्हें सौंपी जिम्मेदारी

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ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे को अब तक की सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना बताई जा रही है। ऐसा हादसा पिछले 4 दशकों में भी नहीं हुआ। ये हादसा 6 जून 1981 को बिहार के सहरसा में हुए भीषण हादसे से भी बड़ा और भयानक हादसा बताया जा रहा है। जिसमें करीब 200 लोगों की मौत हुई थी। जबकि बालासोर में हुए रेल हादसे में मरने वालों का आंकड़ा सहरसा हादसे से कहीं ज़्यादा है । और अभी भी ये आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।

हादसे के बाद से ही घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। घायलों को इलाज के लिए गोपालपुर, कांतापाडा, बालासोर, भद्रक और सोरो के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस भयानक रेल हादसे में ट्रेन के डिब्बे 2 किलोमीटर से ज़्यादा की दूरी तक बिखरे हुए हैं। हादसे वाली जगह पर रेल की पटरियां उखड़ चुकी हैं। कई ट्रेन डिब्बों के परखच्चे उड़ चुके हैं। सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ है जिसमें सबसे ज्यादा यात्री सवार बताए जा रहे हैं।

इस बीच इस रेल हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच की जिम्मेदारी साउथ इस्टर्न जोन के CRS यानी कमिश्नर रेलवे सेफ्टी ए एम चौधरी दो सौंपी गई है। बालासोर रूट से गुजरने वाली 92 से ज़्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। जिनमें 43 ट्रेनें कैंसिल कर दी गई हैं। जबकी 38 ट्रेनें डायवर्ट की गई हैं। वहीं 9 ट्रेनों को आवाजाही शॉर्ट टर्मिनेट की गई है। जबकि 1 ट्रेन के डिपार्चर का वक़्त बदला गया है। इसके अलावा एक ट्रेन को आशिंक रूप से रद्द किया गया है।

सवाल है कि जिस मालगाड़ी से करमंडल एक्सप्रेस आकर टकराई। वो रनिंग ट्रैक पर क्यों खड़ी थी। उसे रिजर्व ट्रैक पर क्यों नहीं भेजा गया। शुरुआती जांच में यही लापरवाही नज़र आ रही है जिसकी वजह से ये ट्रेन हादसा हुआ। रेल हादसे के बारे में बताया गया कि शुक्रवार की शाम के करीब 7 बजे गाड़ी संख्या 2841 कोरोमंडल एक्सप्रेस हावड़ा के शालीमार से चेन्नई के लिए निकली थी। लेकिन बालासोर स्टेशन के पास वो हादसे का शिकार हो गई। ट्रेन की 10 से 12 बोगियां पटरी से उतर गईं जबकि कुछ कोच छिटककर पास के दूसरे ट्रैक पर चले गए। इसके कुछ ही देर बाद यशवंतपुर से हावड़ा जा रही गाड़ी संख्या 2864 यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस उस दूसरी पटरी पर आ पहुंची। जहां ट्रेन के डिब्बे पड़े हुए थे। इसके बाद यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस भी हादसे का शिकार हो गई और ट्रेन की 3-4 बोगियां डिरेल हो गईं।

यानी कि 2 पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी इस ट्रेन हादसे की शिकार हुईं। रेल हादसे के करीब 12 घंटे बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव घटनास्थल पर पहुंचे और हादसे की वजह समझने के साथ साथ रेस्क्यू ऑपरेशन की पूरी मालूमात हासिल की। इस दौरान उन्होंने कहा कि रेलवे के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और राज्य सरकार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। उन्होंने हादसे को बेहद दर्दनाक बताया और ऐलान किया कि हादसे की विस्तृत उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी साथ ही रेल सुरक्षा आयुक्त भी स्वतंत्र जांच करेंगे।

इस रेल हादसे ने पूरे को झकझोर कर रख दिया है। सैकड़ों परिवारों में मातम छा गया है। पूरा देश शोक में डूबा है। देश का हर नागरिक मर्माहत है और हादसे में घायल हुए लोगों के जल्द ठीक होने की मांग रहा है।

देश के 15 बड़े ट्रेन हादसे

20 अगस्त 1995
UP के फ़िरोज़ाबाद में हादसा
पुरुषोत्तम और कालिंदी एक्सप्रेस में टक्कर
358 लोगों की मौत

2 अगस्त 1999
असम के गैसल में हादसा
ब्रह्मपुत्र मेल और अवध असम ट्रेन में टक्कर
290 लोगों की मौत

26 नवंबर 1998
पंजाब में हादसा
जम्मू तवी सियालदह एक्सप्रेस और कालिंदी एक्सप्रेस में टक्कर
212 लोगों की मौत

8 जुलाई 1981
केरल के पेरुमन के पास हादसा
आईलैंड एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन में टक्कर
क़रीब 150 लोगों की मौत

20 नवंबर 2016
UP के पुखरायां के पास हादसा
इन्दौर पटना एक्सप्रेस पटरी से उतरी
क़रीब 150 लोगों की मौत

14 जनवरी 2022
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हादसा
बीकानेर गुवाहाटी एक्सप्रेस की 12 बोगियां डीरेल
हादसे में 9 यात्रियों की मौत

22 जनवरी 2017
आंध्रप्रदेश के विजयनगरम ज़िले में हादसा
हीराखंड एक्सप्रेस के 8 डिब्बे पटरी से उतरे
हादसे में 39 यात्रियों की मौत

18 अगस्त 2017
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हादसा
पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस पटरी से उतरी
हादसे में 23 लोगों की मौत

20 नवंबर 2016
कानपुर के पास पुखरायां में हादसा
हादसे में 150 से ज़्यादा यात्रियों की मौत

1 अक्‍टूबर 2014
गोरखपुर में नंदानगर क्रॉसिंग पर हादसा
लखनऊ बरौनी एक्सप्रेस और कृषक एक्सप्रेस में टक्कर
हादसे में 14 लोगों की मौत

31 मई 2012
उत्तरप्रदेश के जौनपुर में हादसा
दून एक्सप्रेस पटरी से उतरी
हादसे में 7 यात्रियों की मौत

19 जुलाई 2010
पश्चिम बंगाल के सैंथिया में हादसा
उत्तर बंग एक्सप्रेस और वनांचल एक्सप्रेस में टक्कर
हादसे में 63 लोगों की मौत

16 जनवरी 2010
फ़िरोज़ाबाद में टुंडला के पास हादसा
कालिंदी एक्सप्रेस और श्रम शक्ति एक्सप्रेस में टक्कर
हादसे में 3 यात्रियों की मौत

21 अक्टूबर 2009
उत्तरप्रदेश के मथुरा में हादसा
गोवा एक्सप्रेस और मेवाड़ एक्सप्रेस में टक्कर
हादसे में 22 यात्रियों की मौत

14 दिसंबर 2004
पंजाब के होशियारपुर में हादसा
जम्मू तवी एक्सप्रेस, जलंधर अमृतसर पैसेंजर में टक्कर
हादसे में 39 यात्रियों की मौत

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