Afghanistan: तालिबान के गढ़ में भारतीय महिला कमांडो, अफगानिस्तान में तैनाती, जानिए पहले से किन देशों में तैनात हैं कमांडो

तालिबान का शासन आने के बाद से ही पूरी दुनिया की नजर अफगानिस्तान पर टिकी है। भारत भी उन देशों में शामिल है, जिसका अफगानिस्तान में अरबों रुपये के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसी बीच अफगानिस्तान में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा के लिए पहली बार महिला कमांडो की तैनाती होने जा रही है

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अफगानिस्तान में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा के लिए पहली बार महिला कमांडो की तैनाती होने जा रही है। इस विशेष दल को खास ट्रेनिंग दी गई है। तालिबान के शासन के बीच भारतीय संस्थान की सुरक्षा के लिए महिला कमांडो तानात होंगी। ये महिला कमांडो आईटीबीपी (ITBP) की हैं जिन्हे 6 सप्ताह का खास प्रशिक्षण दिया गया है। अफगानिस्तान में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा के लिए पहले से ही आईटीबीपी का पुरुष दस्ता तैनात है। अब यहां पर महिला कमांडो की तैनाती की जा रही है।

आइटीबीपी के प्रशिक्षण केंद्र भानु में इन महिला कमांडो को विशेष ट्रेनिंग दी गई है। ये 19 महिलाएं कमांडो आइटीबीपी फोर्स की हैं जिन्हें 6 हफ्ते की कमांडो ट्रेनिंग दी गई है। इस ट्रेनिंग में आपात परिस्थितियों के बीच उच्चायोग की सुरक्षा कैसे करेंगी, उन्हें सिखाया गया है। इस ट्रेनिंग माड्यूल में एकाएक बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ाना, विस्फोटक से हमला करने के हालात में इमारत में दाखिल होना, वहां लोगों का बचाव करना और एकाएक फायरिंग के बीच लोगों को बचाना जैसी महत्वपूर्ण ड्रिल है। इन महिला कमांडो की खास ट्रेनिंग पूरा होने के बाद जल्द ही उन्हें अफगानिस्तान भारतीय उच्चायोग में तैनाती किया जाएगा।

आइटीबीपी का खास दस्ता पहले से श्रीलंका और अफगानिस्तान में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा में तैनात है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वहां की परिस्थितियों के हिसाब से उच्चायोग के ऊपर खतरे की आशंका बहुत ज्यादा है। इसी के मद्देनजर आइटीबीपी के जवानों की तैनाती वहां की जाती है। अब पुरुष कमांडो के दस्ते के साथ महिला कमांडो भी कंधे से कंधा मिलाकर उच्चायोग की सुरक्षा करेंगी।

ट्रेनिंग में क्या क्या सिखाया गया?
-हेली स्लिदरिंग यानी हेलिकॉप्टर से उतरना
-फायरिंग यानी टारगेट पर गोली मारना
-आब्स्टेकल यानी बाधाओं को पार करते हुए लोगों को बचाना
-स्विमिंग यानी विषम परिस्थितियों में तैरकर भी संस्थानों की सुरक्षा करना

अफगानिस्तान भारतीय उच्चायोग में कर्मचारियों और परिजनों में महिलाएं भी हैं। ऐसे में ये खास सुरक्षा दल उनकी भी सुरक्षा के लिए बेहद कारगर साबित होगा।

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