इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर माफ़िया सरगना मुख़्तार अंसारी की सुरक्षा बढ़ा दी गई। हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के मीडिया से बातचीत करने पर रोक लगा दी। क्योंकि 15 अप्रैल को प्रयागराज में अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की मीडिया कर्मी बनकर आए बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसलिए बांदा जेल में बंद मुख़्तार अंसारी के मीडिया इंटरव्यू पर कोर्ट ने पाबंदी लगा दी। इसके अलावा हाईकोर्ट DGP को सुरक्षा घेरे को और बढ़ाने के निर्देश दिए। यानी बांदा जेल के अंदर और बाहर अब मुख्तार अंसारी की सुरक्षा में ज़्यादा पुलिसकर्मी तैनात होंगे।
मुख्तार की पत्नी अफ़्शां अंसारी ने अपने पति की जेल के अंदर और बाहर हत्या की आशंका जताई थी और हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ़्शा खुद पुलिस से बचने के लिए फ़रार चल रही हैं। उनकी तलाश में पुलिस अगल अगल जगहों पर छापेमारी कर रही है। उनपर फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के ज़रिए ज़मीन अपने नाम कराने, मुख़्तार अंसारी के नाम पर अवैध वसूली करने के साथ गैंगस्ट ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है। अफ़्शा अंसारी पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने 75 हज़ार का इनाम घोषित कर रखा है। उनपर लखनऊ में भी शिया वक़्फ़ बोर्ड की कई बीघा ज़मीन पर फ़र्जी कंपनी बनाकर क़ब्ज़ा करने का आरोप है
इसके साथ ही मुख्तार और उसकी पत्नी पर शिया वक़्फ़ बोर्ड की प्रॉपर्टी को अवैध तरीके से अपनी कंपनी के नाम पर करवाने का आरोप है। मतलब ये कि ग़लत तरीके से मुख्तार और उनकी पत्नी ने मिलकर करोड़ों की ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर लिया। जिसकी शिकायत शिया वक़्फ बोर्ड ने प्रशासन से की। जाँच में मुख्तार के इस फ़र्जीवाड़े की जानकारी मिली। मुख्तार के अवैध साम्रराज्य पर महज लखनऊ में ही ऐक्शन नहीं हो रहा। बल्कि मऊ में भी मुख्तार के सहयोगियों की संपत्ति को कुर्क को करने के आदेश जारी हो चुके हैं। जिसके तहत मुख्तार के सहयोगी आनंद यादव की पाँच लाख की संपत्ति को कुर्क किया जाएगा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ आरोपी आनंद यादव मुख्तार के गैंग 191 का सदस्य है। मुख्तार अंसारी के साथ कई अपराधों में शामिल रहा है।