Ghaziabad Conversion Case: पाकिस्तान से खेला जा रहा धर्मांतरण का गंदा खेल, पाकिस्तान का आतंकी मॉड्यूल बेनकाब, 6 राज्यों में फैला पूरा गैंग

भारत में जिस तरह से धर्मांतरण का मामला बढ़ता जा रहा है। उसमें अब पाकिस्तान का ऐंगल भी सामने आ रहा है। इसमें आतंकी मॉड्यूल भी शामिल हैं। इनका एक ही मकसद था भारत के धार्मिक सद्भाव को नुक़सान पहुंचाना।

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पाकिस्तान से भारत के ख़िलाफ़ लगतार साज़िश रची जा रही है। अब धर्मांतरण के खेल में भी पाकिस्तान बेनकाब हो चुका है। पाकिस्तान में बैठे आतंकी लगातार भारत के धार्मिक सद्भाव पर हमला कर रहे हैं। पाकिस्तान के इशारे पर चलने वाले मॉड्यूल का नाम है हिज्ब उत तहरीर। 19 मई को भोपाल कोर्ट के एक ऑर्डर में इस संगठन के सिलसिलेवाल तरीक़े से काम करने का जिक्र है। हिज्ब उत तहरीर का सदस्य सैयद सामी रिजवी पाकिस्तान के लोगों के संपर्क था। सैयद सामी रिज़वी पर दूसरे समुदाय के लोगों ख़ास दावत में निमंत्रण देने का आरोप है।

जाकिर नाइक का स्पीच का असर

मध्य प्रदेश ATS और NIA की शुरुआती जांच में हिज्ब उत तहरीर को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। ये संगठन पाकिस्तान के लोगों के संपर्क में रहता था। संगठन के लोग कोडवर्ड के जरिए आपस में बात करते थे। इसके साथ ही वो सिगनल ऐप और रॉकेट ऐप के जरिए बातचीत करते थे। इतना ही नहीं इस संगठन के लोग लगातार पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के धर्म गुरुओं के भाषण सुनते थे। यहां तक की ये लोग जाकिर नाइक की स्पीच से भी प्रभावित थे। इनकी बैठकों में लगातार जाकिर नाइक का जिक्र होता था। इस संगठन के लोग लगातार ऐसे धार्मिक आयोजन करते थे। जिससे कि दूसरे धर्म के लोग इनकी ओर आकर्षित हो सकें।

भारत का भगौड़ा जाकिर नाइक

6 राज्यों में फैला माड्यूल

इस ग्रुप के जुड़े लोग भारत के संविधान की ख़िलाफ़त करते हैं। ये लोग 2047 तक भारत में शरिया क़ानून लागू करना चाहते थे। फिलहाल इस ग्रुप से जुड़े 16 लोग न्यायिक हिरासत में हैं। NIA इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। जल्द ही कुछ और लोगों से भी पूछताछ की जाएगी। गेमिंग ऐप और हिज्ब उत तहरीर ये दोनों मॉड्यूल पिछले 6 महीने से देश से अलग-अलग हिस्सों में काम कर रहे थे। हिज्ब उत तहरीर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उड़ीसा में काम कर रहा था। वहीं, गेमिंग एप मॉड्यूल उत्तर प्रदेश में काम कर रहा था। जांच एजेंसियों को कई समानताएं इन दोनों माड्यूल में मिली है। जो कई बड़े ख़तरे की ओर इशारा कर रही हैं।

क्या था उद्धेश्य?

अब सवाल ये है कि कहीं इन दोनों मॉड्यूल को एक साथ एक ही मकसद के लिए तो नहीं लांच किया गया। क्योंकि इन दोनों मॉड्यूल का मकसद एक ही है। वो है देश के धार्मिक सद्भाव को चोट पहुंचना। और लोगों को बरगला कर उनका धर्म परिवर्तन करवाना।

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