Conversion Case: MP में स्कूल में धर्मांतरण का खेल, हिंदू बच्चों को हिजाब पहनाया, सभी शिक्षकों ने भी मुस्लिम धर्म अपनाया!

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मध्यप्रदेश के दमोह में एक स्कूल से धर्मांतरण का मामला सामने आया है। इस स्कूल का नाम है गंगा जमुना । लेकिन गंगा जमुनी तहजीब की आड़ में स्कूल पर आरोप है कि यहाँ धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा था। गंगा जमुनी नाम से चल रहा ये ऐसा स्कूल है, जहां शिक्षा की आड़ में हिंदू बच्चों को हिजाब पहनाया जा रहा था। एक ऐसा स्कूल जहां नौकरी के लिए हिंदू शिक्षकों को धर्मांतरण करना पड़ता था। इस स्कूल में मासूम हिंदू बच्चे को शिकार बनाया जा रहा था। जिनके माता पिता को अंदाजा भी नहीं था कि जिस स्कूल में बच्चों को पढ़ने भेज रहे हैं। वहां उनका धर्म बदलने की साज़िश हो रही है।

स्कूल में धर्मांतरण का रैकेट

दमोह के इस स्कूल पर आरोप है कि यहाँ कई साल से धर्मांतरण का रैकेट चल रहा था। लेकिन स्कूल की तरफ से जारी एक पोस्टर ने उनका पर्दाफाश कर दिया। इसमें हिंदू छात्राएं हिजाब की तरह दिखने वाला एक कपड़ा सिर पर लपेटे दिख रही हैं। इस पोस्टर के वायरल होने के बाद स्कूल पर धर्मांतरण के आरोप लगने लगे। स्कूल प्रशासन ने हिजाब को स्कार्फ बताकर सफाई दी। लेकिन जैसे जैसे सच्चाई सामने आते गई। दमोह के इस स्कूल में धर्मांतरण के बड़े रैकेट चलने का पर्दाफ़ाश हुआ। इसके बाद पूरे दमोह में लोगों का आक्रोश सामने आया। बच्चियों से धर्मांतरण की साज़िश करने वालों के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन हुए।

टीचरों का भी धर्मांतरण करवाया

स्कूल में धर्मांतरण के इस खेल का पर्दाफाश हुआ। जब राज्य बाल आयोग की टीम ने स्कूल का निरीक्षण किया। आयोग से बातचीत के दौरान प्रिंसिपल अफसा शेख ने बताया कि स्कूल में आने से पहले नाम के साथ ‘श्रीवास्तव’ सरनेम लगाती थी। यहां पढ़ाने वाली टीचर अनीता खान ने बताया कि वो पहले अनीता यादव थी। एक और टीचर तबस्सुम बानो का नाम रिकॉर्ड में मिला। जिनके बारे में प्रिंसिपल ने आयोग को बताया कि वो पहले ‘जैन’ सरनेम लिखती थी। सूत्रों के मुताबिक स्कूल की ओर से टीचर्स को जॉइनिंग के बाद परमानेंट करने के लिए धर्म बदलने का लालच दिया जाने लगा।

धर्मांतरण के पीछे टेरर फंडिंग का आशंका

आरोप है कि बच्चियों को स्कूल में जबरन हिज़ाब पहनना पड़ता था। इस मामले में जिला कलेक्टर पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन्हें इस बात की जानकारी क्यों नहीं थी। एमपी के शिक्षा मंत्री ने दमोह को कलेक्टर को भी इस मामले में कटघरे में खड़ा किया है। बीजेपी का आरोप है कि शिक्षा के नाम पर दमोह में जिहादी साम्राज्य बनाने की साज़िश रची जा रही है। बीजेपी का दावा है कि धर्मांतरण के पीछे टेरर फंडिंग का ऐंगल भी हो सकता है। जिसकी जांच बहुत जरुरी है।

छात्रों से कुरान की आयतें पढ़ाई

इस बीच दमोह के इस स्कूल का एक विडियो भी सामने आया है। जिसमें हिजाब पहने बच्चे गाना गा रहे हैं। ये विडियो 15 अगस्त का बताया जा रहा है। आरोप ये भी हैं कि यहां पढ़ने वाले गैर मुस्लिम बच्चों को कुरान की आयतें पढ़ाई जा रही हैं। इतनी सच्चाई आने के बाद भी स्कूल प्रशासन ने हिजाब को स्कार्फ बताया। कुरान की आयतों पर रिनोवेशन वर्क बताया। इसके अलावा हिन्दू बच्चों के नमाज़ पढ़वाने के आरोपों को नकार दिया। लेकिन शिवराज सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है और जिला शिक्षा अधिकारी को हटा दिया गया है। स्कूल की मान्यता रद्द कर दी गई है। धर्मातरण के एंग्ल से जांच शुरू की गई है और जांच के दायरे में जिला अधिकारी को भी रखा गया है।

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