अमेरिकी सेना के पायलटों ने अपने अधिकारियों के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया। उनका आरोप है कि रिटायरमेंट की उम्र बीतने के बाद भी सेना उनसे जबरन काम करवा रही है। अमेरिकी सेना के पास विमान उड़ाने के लिए पायलटों की कमी हो गई है। पायलटों ने आरोप लगाया कि अमेरिकी सेना ने उन्हें बिना बताए उनके कार्यकाल को तीन साल तक के लिए अचानक बढ़ा दिया। जिसके बाद वहां हंगामा मचना शुरू हो गया
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पायलटों का आरोप है कि इसके लिए सेना के अधिकारियों ने उनसे पूछा तक नहीं गया। उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं दी गई कि उनका कार्यकाल बढ़ाया जा रहा है। उन्हें इस बात का पता तब चला जब उनमें कुछ पायलट अपने दस्तावेज़ जमा कराने के लिए पहुंचे थे। लेकिन उन्हें ये कहकर लौटा दिया गया कि उन्हें अभी तीन साल और नौकरी करनी है।
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जिसके बाद अमेरिकी सेना के पायलट विद्रोह पर उतर आए और उन्होंने इसकी शिकायत अमेरिका की सरकार से की है। उन्होंने एक चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया कि सेना ने उनसे बग़ैर पूछे ही उन्हें तीन साल और काम करने का आदेश सुना दिया। आशंका जताई गई कि अमेरिकी सेना में हुई पायलटों की कमी की वजह से ये क़दम उठाया गया। क्योंकि कुछ दिन पहले ये दावा भी किया गया था कि अमेरिकी सेना में अस्थाई तौर पर कुछ पायलटों की भर्ती भी की गई।अब आरोप है कि उनकी ट्रेनिंग के दौरान हुए एक हादसे के बाद इस पर रोक लगा दी गई थी।
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सेना के उठाए गए कदम के बाद इस बात का डर और बढ़ गया कि अमेरिकी सेना जानबूझकर पहले से मौजूद पायलटों को जाने नहीं दे रही। क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो वहां पायलटों की ज़बर्दस्त किल्ल्त हो जाएगी। हालांकि, अमेरिकी सरकार ने उन्हें इस बात का भरोसा दिया कि ये किसी अधिकारी की ग़लती से हुआ है। सेना का उनसे जबरन काम कराने का कोई इरादा नहीं था।