मणिपुर में बेहतर हो रहे हैं हालात, दूसरे राज्यों के लोगों का रेस्क्यू जारी, SC का बड़ा आदेश, हिंसा के पीछे की पूरी स्टोरी पढ़िए

मणिपुर में हिंसा वाले 11 ज़िलों में पहली बार ढील दी गई। इस दौरान दूसरे राज्यों से आए लोगों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला जा सके और लोग जरूरत का सामान ख़रीद सके। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को बड़ा आदेश दिया है।

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मणिपुर के 11 ज़िलों में हिंसा के बाद से कर्फ़्यू लगा हुआ था। 4 दिन बाद इस कर्फ़्यू में सरकार ने ढील दी ताकि लोग जरूरत का सामान ख़रीद सके। इस दौरान वहां हालात काफ़ी हद तक सामान्य नज़र आए। दुकानों के बाहर लंबी लंबी कतारों में लोग खड़े दिखाई दिए। 3 मई को मणिपुर में हुई हिंसा में क़रीब 54 लोगों की जान चली गई थी। वहां फैली हिंसा के बाद राज्य सरकार ने फ़ौरन कर्फ्यू लगा दिया था। वहां हालात इस कदर बिगड़ गए थे कि ख़ुद गृह मंत्री अमित शाह उसपर बारीकी से नज़र बनाए हुए थे। इतना ही नहीं हालात और ज़्यादा गंभीर होने पर उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश भी जारी किए गए थे।

इस दौरान केंद्र ने राज्य सरकार के साथ मिलकर वहां फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना तक शुरू कर दिया था। अबतक वहां से 23 हज़ार लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। इस बीच राज्य सरकार ने कर्फ़्यू में ढील का ऐलान कर दिया। 4 दिन बाद उन ज़िलों में कुछ घंटों के लिए छूट दे दी। जहां हालात क़ाबू से बाहर होने पर कर्फ़्यू लगा दिया गया था। कर्फ़्यू के दौरान यहां ज़रूरी सामान की दुकानें भी बंद कर दी गईं थी। जिसकी वजह से लोगों को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ा।

मणिपुर में हिंसा के बाद लगाए गए कर्फ़्यू में ढील दिए जाने के बाद माना जा रहा है कि वहां हालात ज़ल्द ही पूरी तरह से सामान्य हो सकते हैं। मणिपुर में पिछले 3 दिन से हिंसा की कोई भी ख़बर सामने नहीं आई। इसकी एक वजह वहां भारी संख्या में तैनात पुलिस बल भी है। इसी वजह से राज्य सरकार ने कर्फ़्यू में ढील देने का फैसला किया। इस बीच वहां फंसे दूसरे राज्यों से आए लोगों को वापस भेजने का काम भी शुरू कर दिया गया।

मणिपुर में फंसे अपने राज्य के लोगों को बाहर निकालने के लिए बिहार, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश ने विशेष विमानों का इंतज़ाम किया। हिंसा के बाद से ही इंफाल को बाक़ी राज्यों से जोड़ने वाली सड़कों और ट्रेनों को बंद कर दिया गया था। इंफाल को बाक़ी राज्यों से जोड़ने वाली सड़कों और ट्रेनों को इसलिए बंद किया गया। क्योंकि वो उन ज़िलों से होकर गुज़रती है जहां 3 मई को हिंसा फैली थी। लिहाज़ा वहां से लोगों को निकालने का एक मात्र हवाई रास्ता ही दूसरे राज्यों के पास बचा।

जानकारी के मुताबिक़ दूसरे राज्‍यों के क़रीब 240 छात्रों को मणिपुर से एक दिन पहले सुरक्षित निकाला गया। लेकिन काफ़ी छात्र और परिवार वहां अभी तक फंसे है। जिनमें कई का रेस्क्यू कर उन्हें राहत कैम्प लाया गया। मणिपुर में 3 मई को उस वक़्त हिंसा फैली थी। जब पिछले महीने मणिपुर के मैतेई समुदाय (meitei community) को अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने पर मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से विचार करने के लिए कहा। इसके बाद 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ने एक रैली की। जानकारी के मुताबिक उसी रैली में जनजातीय समुदाय और दूसरे समुदाय के कुछ लोग आपस में भिड़ गए।

इसके बाद ये हिंसा जंगल में आग की तरह मणिपुर के दूसरे ज़िलों में तेज़ी से फैल गई। इतना ही नहीं मणिपुर हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया। जिस पर सुनवाई करते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने हाई कोर्ट के फ़ैसले पर हैरानी जताई। उन्होंने इस मामले पर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगे। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में हालात सामान्य करने के लिए सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदमों की भी जानकारी ली। इसके अलावा राज्य सरकार को हिंसा वाले ज़िलों में पुर्नवास और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश दिया। उन्होंने सरकार को ये भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि मणिपुर में धार्मिक स्थलों की पूरी सुरक्षा की जाए। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट अब 17 मई को सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को इस पूरे मामले की रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया।

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