पुतिन का नया वॉरलैंड बनेगा मॉल्दोवा, पुतिन के ख़िलाफ़ नया मोर्चा

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यूक्रेन के बाद एक और देश को बर्बाग करेंगे पुतिन,  डर से उस देश ने मार्शल लॉ लगाया। 

11 महीने से ज़्यादा का वक़्त गुज़र गया, रूस यूक्रेन को झुकाने के लिए विनाशक हथियारों का ऐसे इस्तेमाल कर रहा है जैसे यूक्रेन के ज़र्रे ज़र्रे में बर्बादी समा जाए। यूक्रेन के ख़ूबसूरत शहरों में मातम ही मातम नज़र आ रही है… जिधर देखो उधर बर्बादी और तबाही नज़र आती है… जो इलाक़े अब तक बचे हैं वो अपनी बर्बादी के इंतज़ार में है… दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं

मॉल्दोवा भी वही ग़लती कर रहा है जिस ग़लती को लेकर यूक्रेन आज भी रूस के हमलों का ख़ामियाज़ा भुगत रहा है. मॉल्दोवा का NATO के प्रति झुकाव उसे रूसी क़हर की ओर लेकर जा रहा है. मॉस्को से आ रहे इशारे बता रहे हैं कि क्रेमलिन का पारा हाई है और मॉल्दोवा को वही क़ीमत चुकानी पड़ सकती है जो यूक्रेन फ़िलहाल चुका रहा है. बता दें कि मॉल्दोवा की राष्ट्रपति माइया संदू ने करीब एक हफ़्ते पहले NATO में शामिल होने के संकेत दिए थे और उसी के बाद मॉस्को के सियासतदाँ मॉल्दोवा को यूक्रेन की याद दिलाने लगे हैं। जिसके बाद अब रूस के दो प्रभावशाली सांसदों ने माल्दोवा को धमकी दी है.. रूसी सांसदों ने NATO सदस्यता लेने की सोचने पर भी पर मॉल्दोवा को बर्बाद करने की धमकी दी है।सांसदों ने कहा कि मॉल्दोवाआत्मघाती रास्ते पर जा रहा है। धमकी देने वाले रूसी सांसदों का नाम स्वेतलाना ज़ुरोवा और लियनद कलाश्निकोफ़ है

मॉल्दोवा की राष्ट्रपति माइया संदू के एक बयान ने क्रेमलिन में खलबली मचा दी है,जिसके बाद रूस भड़का हुआ है और पुतिन की सरकार के साथ साथ, सांसदों ने भी मोर्चा खोल दिया है. ज़ाहिर है ये पुतिन का प्लैन है, ताकि मॉल्दोवा NATO के करीब जाने से भी सौ बार सोचे। माल्दावो की राष्ट्रपति माइया संदू ने कहा कि क्या हम ये अकेले कर पाएंगे या हमें बड़े गठबंधन का हिस्सा बनना होगा? और अगर इस पर एक देश के तौर पर हम किसी निर्णय पर पहुंचते हैं तो हमें अपनी तटस्थता को बदलने की ज़रूरत है और ये एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत होगा

मॉल्दोवा के राष्ट्रपति जिस गठबंधन का ज़िक्र कर रहे हैं उसका इशारा NATO की ओर है और फिलहाल रूस के पुराने साम्राज्य के मुल्कों को NATO का हिस्सा बनते हुए नहीं देखना चाहता. वहीं मॉल्दोवा को डर सता रहा है. उसकी सीमा में रूसी मिसाइलें गिरी हैं, कई मिसाइलें मॉल्दोवा के ऊपर से गुज़री हैं और ब्रिटिश खुफ़िया एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ मॉल्दोवा में एक एक्सिडेंटल मिसाइल चलाकर रूस इसी बहाने हमले के दूसरे मोर्चे को खोल सकता है. मॉल्दोवा के पूर्व में यूक्रेन से सटे एक हिस्से पर रूसी समर्थन से अलगाववादियों का क़ब्ज़ा है और उस हिस्से को बेस बनाकर रूस मॉल्दोवा को कुछ ही दिनों में घुटनों पर ला सकता है.

महायुद्ध का मॉल्दोवा मोर्चा!

आपको बता दें कि यूक्रेन के दक्षिणी हिस्से में मौजूद मॉल्दोवा कभी सोवियत यूनियन का हिस्सा रहा है।  मॉल्दोवा को डर सता रहा है कि अगर रूस युद्ध जीता तो अगला हमला उस पर होगा, इसी डर से मॉल्दोवा में यूक्रेन युद्ध के 10 दिन बाद ही मार्शल लॉ लगा दिया गया। मॉल्दोवा में एक और युद्ध का मोर्चा खुलता हुआ दिख रहा है. NATO ख़ुद को मज़बूत करने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा मुल्कों को अपना सदस्य बनाकर अपना कुनबा बढ़ाना चाहता है और रूस NATO की बढ़ती ताक़त को अपने मुल्क़ के लिए ख़तरा मानता है. यही वजह है कि रूस ने यूक्रेन को जंग के मैदान में तब्दील किया और यही वजह है कि वो मॉल्दोवा को भी धमकी दे रहा है

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