इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में जमकर हिंसा हुई। उसके बाद से सरकार का एक मात्र टारगेट इमरान की पार्टी पीटीआई है। जिस पर ऐक्शन के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है। सरकार के इस कदम को इमरान साज़िश बता रहे हैं। इमरान का दावा है कि सरकार उनकी पार्टी को बैन करके चुनाव में फायदा उठाना चाहती है।
पाकिस्तान में 9 मई को इमरान खान को गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद पाकिस्तान के कई शहर हिंसा और आग में जले। इमरान के समर्थकों ने सेना को भी नहीं बख्शा और उससे जुड़ी बिल्डिंग तक में आग लगा दी गई। इस हिंसा के लिए सरकार ने इमरान एंड पार्टी को ज़िम्मेदार बताया। उनके खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने की बात कही। लेकिन इस आरोप के बावजूद इमरान खान अपनी बात पर अडिग रहे। दावा करते रहे कि पाकिस्तान में हुई हिंसा के पीछे पीटीआई नहीं बल्कि ये सरकार की सोची समझी साज़िश है। हिंसा के ज़रिए सरकार अब उनकी पार्टी को बैन करने साज़िश रच रही है।
इमरान खान दावा कर रहे हैं कि वो और उनकी पार्टी बातचीत के लिए तैयार है। लेकिन ना तो सरकार से कोई बातचीत के लिए सामने आ रहा है और ना ही उनके साथी दल से। इमरान खान का दावा है कि अगर उनकी पार्टी के एक शख्स का भी नाम इस हिंसा में सामने आता है। तो वो खुद पाकिस्तान सरकार की आरोपियों को पकड़वाने में मदद करेंगे। इमरान खान का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार का सिर्फ एक ही मकसद है उनकी पार्टी को खत्म करना। ताकि वो अगले चुनाव में धांधली कर सत्ता पर फिर से सवार हो सकें। सरकार ने इमरान को 8 लोगों के नाम दिए और उन्हें सरकार के हवाले करने को कहा है। लेकिन इमरान खान ने इससे इनकार कर दिया है।
इमरान खान को हिंसा से जुड़े 3 केस में प्री अरेस्ट बेल दे दी गई है। एंटी टेररिज्म कोर्ट ने 2 जून तक इमरान को ज़मानत दी है। यह भी कहा है कि उन्हें जांच में शामिल होना होगा, जांच में सहयोग देना होगा। इमरान खान का आरोप है कि उनकी गिरफ्तारी के पीछे सेना प्रमुख असीम मुनीर का हाथ था। इमरान की गिरफ्तारी के बाद इमरान के ज़मा पार्क वाले घर के बाहर हज़ारों हज़ार पीटीआई समर्थकों का हुजूम जुट गया था। समर्थकों ने यहां अपने शामियाने तान दिए थे। पिछले 4 दिन से यहीं डेरा डाले थे। इस अतिक्रमण को हटाने के लिए पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार को सख्ती दिखानी पड़ी। सरकार ने लाहौर के ज़मां पार्क के बाहर लगे अस्थायी टैंट को देर रात तोड़ कर सड़क को साफ कराया। लेकिन इसके बावजूद इमरान ख़ान के समर्थक टस से मस ना हुए।