महाराष्ट्र (maharastra) की जेलों की सुरक्षा को और पुख्ता करने और उसमें बंद कैदियों पर पैनी निगरानी रखने के लिए कारागार प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब महाराष्ट्र के जेलों की ड्रोन कैमरे (drone) से निगरानी की जाएगी। पहले चरण में 12 जेलों में ड्रोन से पेट्रोलिंग की जाएगी और इसमें से कुछ में ट्रायल भी शुरू हो चुका है।
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महाराष्ट्र के येरवडा जेल (yerwada jail) में बाकायदा इसका ट्रायल भी किया गया। इस ट्रायल में महाराष्ट्र कारागार विभाग के आला अधिकारियों को निगरानी में येरवडा जेल की ड्रोन कैमरे से हर हिस्से को पेट्रोलिंग (petroling) की गई और उसकी तस्वीर स्क्रीन पर देखी जा रही थी। महाराष्ट्र जेल प्रशासन के मुताबिक 12 ड्रोन विभिन्न जेलों की गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे। ड्रोन से रात में भी रिकॉर्डिंग की जाएगी। ड्रोन जेलों में होने वाली घटनाओं और कैदियों के बारे में अपडेट प्राप्त करने में मदद करेगा।
शुरुआत में 8 सेंट्रल जेल (central jail) , 2 जिला जेल (district jail) और 2 ओपन जेल (open jail) में प्रायोगिक आधार पर ड्रोन से निगरानी की जाएगी। येरवदा जेल के साथ-साथ कोल्हापुर, नासिक, संभाजीनगर, तलोजा, ठाणे, अमरावती, नागपुर, कल्याण और चंद्रपुर में पायलट स्तर पर ड्रोन निरीक्षण शुरू किया गया है। यह कदम केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के बाद उठाया गया है।
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महाराष्ट्र कारागार प्रशासन के इस कदम के बाद ड्रोन कैमरे से जेलो में नजर रखने वाला महाराष्ट्र दूसरा राज्य बन गया है। इसके पहले उत्तर प्रदेश (up) में इस ड्रोन सर्विलांस का इस्तेमाल किया जा रहा है। यूपी के लखनऊ, आजमगढ़, चित्रकूट, बरेली और गौतमबुद्धनगर की जेलों की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जाती है। सभी जेलों में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया, जहां लैपटाप के जरिए सभी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जाती है। महाराष्ट्र कारागार प्रशासन के मुताबिक ट्रायल पूरा होने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
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महाराष्ट्र की जेलों में पिछले कुछ महीनों में कैदियों के बीच मारपीट की कई घटनाएं सामने आती रही है। इतना ही नही, जेल में अवैध एक्टिविटी होने के आरोप भी लगातार लगते रहते हैं। ऐसे में ड्रोन निगरानी से इन चीजों में कड़ी निगाह रखने में काफी मदद मिलने की उम्मीद है।