Pakistan: शहबाज नहीं सेना से है इमरान की असली जंग, आर्मी चीफ और इमरान की दुश्मनी का बैकग्राउंड आया सामने

IMRAN KHAN ARREST: पाकिस्तान जिस तरह से जल रहा है। जिस तरह से वहां सड़कों पर संग्राम छिड़ा है उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल ये कि क्या इमरान की गिरफ़्तारी पहले से तय थी। क्या ये साज़िश पहले ही रची जा चुकी थी कि उनको इस्लामाबाद हाई कोर्ट पहुंचते ही उठा लिया जाएगा। जिस तरह से उनको पकड़ा गया उसी के बाद कई कड़ियां जुड़ती जा रही हैं जिनसे ये संकेत मिल रहे हैं ये प्लEन पहले से तय था।

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पाकिस्तान में मचे बवाल के बाद उठ रहे ये वो सवाल हैं जिनका जवाब हर कोई जानना चाहता है। आख़िर अचानक ऐसा क्या हुआ कि इमरान ख़ान को पाकिस्तान रेंजर्स के ज़रिए क़ैद करवाया गया। आखिर ऐसी क्या जल्दबाज़ी थी कि उनको राजधानी इस्लामाबाद की हाई कोर्ट से अंदर से घसीटकर सुरक्षाबल के जवान ले गए। इस घटना का पूरी क्रोनोलॉजी समझने पर सब कुछ साफ़ साफ़ नज़र आ जाएगा। कहा जा रहा है कि ये सिर्फ़ एक संयोग नहीं बल्कि सोची समझी साज़िश के तहत हुआ। जिसके पीछे पाक आर्मी चीफ़ जनरल मुनीर के शातिर दिमाग़ को बताया जा रहा है। सवाल उठता है कि जनरल मुनीर ऐसा क्यों चाहेंगे? क्यों वो इमरान ख़ान के पीछे हाथ धोकर पड़े हुए हैं?

इन्हीं सवालों में इसका जवाब भी छिपा है। सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री रहते आर्मी चीफ के तौर पर इमरान ख़ान की पसंद जनरल असीम मुनीर कभी नहीं रहे। वो तो किसी और को सेना की कमान सौंपना चाहते थे। मतलब इमरान और मुनीर की अदावत पुरानी है। इससे पहले जब उनको पकड़ा गया था और एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उनके चुनाव लड़ने पर ही रोक लग गई थी। मर्डर, घोटालों और भ्रष्टाचार जैसे क़रीब 150 मामलों में उन पर मुकदमे ठोक दिए गए। जिसके बाद से उनकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है।

जिस तरह से इमरान को कुर्सी से बेदखल किया गया। फिर सेना की मदद से शहबाज़ शरीफ़ ने सरकार बनाई। उसने इमरान के लिए लोगों के दिल में हमदर्दी पैदा कर दी। ऐसे में फौज के सबसे ताक़तवर जनरल को डर बैठ गया है। उन्हें डर है कि जिस तरह से इमरान को लोगों का समर्थन मिल रहा है, वैसे में अगर वो चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बन गए तो सबसे पहली गाज उनके ऊपर ही गिरेगी।

कहा जा रहा है कि यही डर शहबाज़ शरीफ़ का भी है। इस प्लान में उनकी भी मिलीभगत हो सकती है। इसलिए उन्होंने लंदन में एक दिन ज़्यादा ठहरने का फ़ैसला लिया। जिस वक़्त पाकिस्तान में इमरान को पकड़ा जा रहा था। उसके बाद वहां क़हर बरप रहा था, तब वहां के प्रधानमंत्री लंदन में बैठे थे। मतलब उनके मुल्क में इतना कुछ हो गया लेकिन हालात संभालने के बजाए वो और उनकी सरकार इमरान की गिरफ़्तारी को सही ठहराती रही। इसके साथ ही पाकिस्तान को जलने दिया गया। जिसके बाद ये अटकलें लगीं कि वहां मार्शल लॉ लगाया जा सकता है। लेकिन फिर उनको अचानक IMF की याद आई। यानी अगर मार्शल लॉ लगता तो IMF से क़र्ज़ मिलना मुश्किल हो जाएगा।

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