Pakistan: पाकिस्तान में बर्बादी, चीन में सन्नाटा, आखिर क्यों उड़ी शी जिनपिंग की नींद?

Imran Khan: पाकिस्तान में मचे बवाल के बीच चीन के पसीने छूट रहे हैं। उसे ये लग रहा है कहीं पाकिस्तान सरकार, वहां की सेना और इमरान ख़ान के चक्कर में उसकी लुटिया ना डूब जाए। तो पढ़िए चीन को ऐसी आशंका क्यों है। आख़िर ऐसा क्या है जो चीन को अंदर ही अंदर खाए जा रहा है।

इसे जरूर पढ़ें।

चीन के विदेश मंत्री ने 6 मई को अपने पाकिस्तान दौरे पर राजनीतिक अस्थिरता को लेकर चिंता जताई थी। चीन की इस चेतावनी के तीन दिन बाद यानी 9 मई को ही इमरान ख़ान की गिरफ्तारी का मामला आ गया। जिसके बाद पूरे पाकिस्तान में बवाल मच गया। शहर के शहर हिंसा की आग में जल गए।

इमरान समर्थकों ने जमकर किया हिंसा

शहबाज़ सरकार के इस क़दम से पूरे मुल्क में राजनीतिक भूचाल आ गया है। पाकिस्तान में आए भूचाल के बाद चीन घबराया हुआ है। शी जिनपिंग की घबराहट की सबसे बड़ी वजह पाकिस्तान में उनके ड्रीम प्रॉजेक्ट और लोन की रक़म है। चीन को ये लगता है कि अगर वहां सियासी तूफ़ान नहीं थमा और सरकार स्थिर नहीं रही तो पाकिस्तान के चक्कर में उसका कबाड़ा निकल जाएगा। मतलब ख़ुद तो पाकिस्तान डूबेगा ही, उसको भी ले डूबेगा। असल में क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने ताज़ा चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान को IMF से लोन नहीं मिला तो वो ‘डिफॉल्ट’ हो सकता है।

IMF ने अभी तक पाकिस्तान को लोन नहीं दिया है

कंगाल होते पाकिस्तान की मदद के लिए क़र्ज़ का मिलना बेहद ज़रूरी है। इसी बीच जिस तरह वहां हंगामा मचा है, सड़कों पर संग्राम छिड़ा है उसके बाद से लोन का मिलना ख़तरे में पड़ता दिख रहा है। वहां इमरान ख़ान को बेदखल करने के बाद यानी करीब एक साल से सियासी उथल पुथल मची है। ऐसे में बार बार गुहार लगाने के बाद भी उसे IMF से क़र्ज़ नहीं मिल रहा है। बस यही चीन की शी जिनपिंग सरकार की परेशानी का सबब है। क्योंकि चीन ने पाकिस्तान में भारी भरकम निवेश किया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने CPEC यानी चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर प्रॉजेक्ट पर 60 बिलियन डॉलर यानी भारतीय रूपयों में क़रीब 5 लाख करोड़ का निवेश किया है। उसका ये ड्रीम प्रॉजेक्ट भारत का अभिन्न हिस्सा यानी POK से होकर गुजरता है। जिसकी मदद से चीन कराची के ग्वादर पोर्ट के ज़रिए अरब सागर तक पहुंच जाएगा।

IMF के मुताबिक़ फ़रवरी 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान पर कुल विदेशी क़र्ज़ 126 बिलियन डॉलर यानी 10 लाख करोड़ है। जिनमें क़रीब 30 बिलियन डॉलर यानी क़रीब ढाई लाख करोड़ का क़र्ज़ अकेले चीन का है। जो CPEC प्रॉजेक्ट की शुरूआत के बाद बढ़ता गया। उसके बाद पाकिस्तान क़र्ज़ के दलदल में धंसता चला गया। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि उस पर कंगाल होने का ख़तरा मंडरा रहा है।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article