Pakistan: इमरान की गिरफ्तारी के पीछे चीन के विदेश मंत्री!, एक इशारे ने पाकिस्तान को किया 50 साल पीछे, पढ़िए पूरी इनसाइड स्टोरी

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी के पीछे चीन का हाथ होने का दावा किया जा रहा है। ऐसा पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है। उनका कहना है कि इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी चीन के विदेश मंत्री के पाकिस्तान दौरे के ठीक बाद की गई है। इस दौरे पर चीन के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियां को स्थिरता बनाए रखने का सुझाव दिया था। जिसे चीन का पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल माना जा रहा है।

इस बैठक में अफगानिस्तान के मंत्री भी शामिल हुए थे

पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इमरान की अमेरिका से रिश्ते सुधारने की कोशिश भी चीन को खटक रही थी। जिसका नतीजा ये हुआ कि चीन ने इमरान ख़ान को रास्ते से हटाने की तैयारी कर ली। उसके बाद पर्दे के पीछे से इमरान खान की गिरफ़्तारी की ज़मीन तैयार कर दी। जिसने पाकिस्तान को ऐसी आग में झोंक दिया कि वो बर्बादी के रास्ते पर चल पड़ा। पाकिस्तान के रैजर्स के हाथ जैसे ही इमरान के गिरेबां तक पहुंचे। पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ़ पार्टी यानी PTI कार्यकर्ताओं का खून खौल उठा। पाकिस्तान के कई हिस्सों में उन्होंने पाकिस्तान की सेना के ठिकानों को फूंक दिया। आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान एक ऐसे महासंकट में पड़ गया, जिससे उबरना मुश्किल लग रहा है।

इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद जमकर हिंसा हुई
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद जमकर हिंसा हुई

पाकिस्तान की इस दुर्दशा का ज़िम्मेदार कोई और नहीं बल्कि उसका सबसे क़रीबी चीन है। पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषकों का यही मानना है। उन्होंने पाकिस्तान में बिगड़े हालात के लिए चीन को ज़िम्मेदार ठहराया। वहां हो रही हिंसा का कनेक्शन चीन के विदेश मंत्री चिन गांग की पाकिस्तान यात्रा से जोड़ दिया। दावा यहां तक किया जा रहा है कि चीन को लगता है कि अमेरिका के इशारे पर इमरान CPEC यानी चाइना पाक इकॉनमिक कॉरिडोर के काम में अड़ंगा डालेंगे। इसीलिए चीन ने इमरान को रास्ते से हटाने का इशारा कर दिया। जिसके बाद इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी हो गई। इमरान की गिरफ़्तारी से ठीक पहले पाकिस्तान आर्मी चीफ़ मुनीर चीन के दौरे से लौटे थे।

हाल ही में पाकिस्तान के आर्मी चीफ चीन के दौरे से लौटे थे

शहबाज़ इमरान पर ऐक्शन लेने से डर रहे थे तो इस गिरफ़्तारी के लिए आर्मी चीफ़ असीम मुनीर ने खुद मोर्चा संभाला। इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी उस वक़्त पर हुई जब शहबाज़ शरीफ़ लंदन में थे। दावा किया जा रहा है कि आर्मी हेड क्वार्टर में सेना की सीक्रेट मीटिंग हुई। सेना की ये सीक्रेट मीटिंग क़रीब डेढ़ घंटे तक चली। जिसमे इमरान की गिरफ़्तारी का प्लैन बना था। ये सब तब हुआ जब दो दिन पहले ही चीन के विदेश मंत्री पाकिस्तान दौरे से लौटे थे। जबकि उससे पहले असीम मुनीर चीन का दौरा कर चुके हैं।

इमरान की गिरफ़्तारी जल्दबाज़ी में लिया गया फ़ैसला नहीं है, बल्कि इसके पीछे 15 से 20 दिनों तक होमवर्क किया गया। लेकिन पाकिस्तानी सेना ने इसका अंदाजा नहीं लगाया कि इमरान समर्थक इतने बेकाबू हो जाएंगे। दो दिन पहले चीन के विदेश मंत्री ने जाने से पहले जो बयान दिए थे इस तरह के ऐक्शन का इशारा वहीं से मिल गया था। क्योंकि चीन के विदेश मंत्री चिन गांग ने बयान दिया था एक पड़ोसी और दोस्त होने के नाते चीन को उम्मीद है कि पाकिस्‍तान में राजनीतिक ताकतें स्थिरता को बरकरार रखेंगी। इसके साथ ही ज्‍यादा प्रभावी तरीके से घरेलू और विदेशी चुनौतियों का समाधान किया जाएगा।

चिन गांग का यही बयान वहां के पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषकों के गले नहीं उतरा। उनका मानना है कि चीन ने पाकिस्तान के घरेलू मामले में दखल दिया। वो इमरान की अमेरिका से नज़दीकी बढ़ाने की कोशिश से ग़ुस्से में हैं। प्रधानमंत्री का पद गंवाने के बाद इमरान ख़ान ने अमेरिका से रिश्ते सुधारने की कोशिश की। इमरान के करीबी फ़वाद चौधरी ने तो अमेरिकी राजदूत से मुलाकात भी की थी।

इन्हीं कोशिशों को इमरान ख़ान की दुर्दशा की वजह माना गया। चीन अमेरिका को पसंद नहीं करता और इमरान अमेरिका से दोस्ती बढ़ा रहे हैं। जबकि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ चीन गए थे। उनके लौटने के बाद चीन के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का दौरा किया। जिसके बाद पाकिस्तान में ऐसा भयंकर बवाल हुआ कि हालात संभाले नहीं संभल रहे।

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