नए संसद भवन के उद्घाटन पर बढ़ी सियासी तपिश, जानिए कौन से 25 दल समर्थन और 19 दल विरोध में उतरे

28 मई को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन होगा। जिसके लिए ज़ोर शोर से तैयारी चल रही है। संसद भवन की नई बिल्डिंग का उद्घाटन 28 तारीख़ को प्रधानमंत्री करेंगे।

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28 मई को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन होगा। जिसके लिए ज़ोर शोर से तैयारी चल रही है। संसद भवन की नई बिल्डिंग का उद्घाटन 28 तारीख़ को प्रधानमंत्री करेंगे।

PM ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। और 28 मई को उसका उद्घाटन होने वाला है। विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच 28 तारीख़ को होने वाले उद्घाटन समारोह में कुल 25 पार्टियों के नेता शामिल होंगे। इनमें NDA के 18 दल शामिल हैं। जिन्होंने संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने की बात कही है। 7 ऐसी पार्टियां भी होंगी जो NDA का हिस्सा नहीं हैं। इन सात पार्टियों में LJP रामिलास पासवान, बीजू जनता दल और बहुजन समाज पार्टी शामिल हैं। TDP और YRSCP भी उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी। वहीं अकाली दल और JDS भी नई संसद के उद्घाटन के कार्यक्रम में शामिल होंगी।

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने वाली विरोधी पार्टियों की संख्या भी कम नहीं हैं। उद्धव गुट वाली शिवसेना समेत विपक्ष के 19 दलों ने उद्घाटन समारोह से दूरी बनाने का फ़ैसला किया है। जिनमें देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी कांग्रेस भी शामिल है। इसके साथ ही DMK, AAP, Shiv Sena (Uddhav,SP, CPI, JMM, Kerala Congress (Mani,Viduthalai Chiruthaigal, RLD, Trinmool Congress, JDU, CPM, RJD, IUML,National Conference, RSP, MDMK, AIMIM ने एक सुर में उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। हालांकि KCR की अगुआई वाली BRS यानी भारत राष्ट्र समिति ने उद्घाटन में शामिल होने के बारे में अभी तक अपना रुख साफ़ नहीं किया है।

कांग्रेस ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की वजह बताते हुए तर्क दिया, कि पीएम मोदी देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान कर रहे हैं। जिसकी वजह से कांग्रेस ने इस समारोह से दूरी बनाने का फ़ैसला किया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश में पहली बार एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी हैं। उनको न बुलाना संविधान के आर्टिकल 79 का उलंघन है। हालांकि दिग्विजय सिंह ने ये भी कहा कि उनकी पार्टी का विरोध सेंट्रल विस्टा या नए संसद भवन के ख़िलाफ़ नहीं है।

कांग्रेस के इस आरोप पर बीजेपी ने करारा पलटवार किया। असम के गुवाहाटी पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन के उद्घाटन का मुद्दा उठाया। और कांग्रेस से पलटकर वही सवाल पूछ लिया जिसका हवाला देकर दिग्विजय सिंह, मोदी सरकार पर राष्ट्रपति के अपमान का आरोप लगा रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अमित शाह मैं पूछना चाहता हूँ, जब छत्तीसगढ़ विधानसभा का उद्घाटन श्रीमती सोनिया गाँधी ने किया। तब राज्यपाल जो की आदिवासी थे उन्होंने क्यों नहीं बुलाया? झारखण्ड में भी उद्घाटन हुआ तब भी नहीं बुलाया। कांग्रेस को बीजेपी के इस पलटवार का कोई जवाब नहीं सूझा। शायद इसीलिए दिग्विजय सिंह चुप्पी साध गए हैं।

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